(Gold Silver Price Today, Image Credit: Meta AI)
Gold Silver Price Today: बीते कुछ दिनों से सर्राफा बाजार में चांदी की कीमतों में जबरदस्त देखी गई है और आज यानी मंगलवार को एक नया ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया। चांदी की कीमतें आज 897 रुपये की बड़ी छलांग लगाते हुए 1,06,457 रुपये प्रति किलोग्राम पर खुली। जीएसटी जोड़ने के बाद यह कीमत 1,09,650 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
वहीं दूसरी ओर, सोने की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला है। 24 कैरेट सोने की कीमत बिना जीएसटी के 96,006 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुली, जो कि पिछले दिन की तुलना में 142 रुपये अधिक है। जीएसटी जोड़ने के बाद इसकी कीमत 98,886 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है।
यह आंकड़े इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी किए गए हैं, जो देशभर में हाजिर भाव के लिए एक मानक माने जाते हैं। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि स्थानीय बाजारों के इन कीमतों में 1000 रुपये से 2000 रुपये तक का अंतर हो सकता है। बता दें कि IBJA प्रतिदिन दो बार यानी दोपहर 12 बजे और शाम 5 बजे ये दरें जारी करता है।
चांदी में तेजी के ये हैं प्रमुख कारण-
फेड की दर कटौती की संभावना: ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से चांदी में निवेश आकर्षक हुआ।
कमजोर अमेरिकी आर्थिक आंकड़े: ADP रिपोर्ट में केवल 37,000 नौकरियां और ISM PMI में गिरावट से मंदी की आशंका बढ़ी, जिससे डॉलर कमजोर हुआ और चांदी को समर्थन मिला।
औद्योगिक मांग में इजाफा: सोलर, EV और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से चांदी की डिमांड तेजी से बढ़ी है।
रूस-यूक्रेन तनाव: बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने चांदी को ‘सेफ हेवन’ निवेश का दर्जा दिलाया।
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव: बढ़ती अनिश्चितता से भौतिक संपत्तियों में निवेश बढ़ा, जिससे चांदी को फायदा मिला।
गोल्ड-सिल्वर रेशियो घटा: अनुपात 107 से घटकर 95 हो गया, जिससे चांदी को सोने से ज्यादा प्राथमिकता मिली।
डॉलर की कमजोरी: डॉलर में गिरावट से चांदी अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए सस्ती और आकर्षक बनी।
तकनीकी ब्रेकआउट: रेजिस्टेंस लेवल टूटने से ट्रेडर्स और संस्थानों को खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे तेजी को और बल मिला।
एक्सपर्ट का मानना है कि मौजूदा वैश्विक रुझानों को देखते हुए साल 2025 तक चांदी की कीमतें 1,30,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं। हालांकि, उन्होंने अलर्ट किया है कि इस दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, इसलिए निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।