सरकार ने आंकड़ों की सुरक्षा के लिए मसौदा नियमों पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा पांच मार्च तक बढ़ाई

सरकार ने आंकड़ों की सुरक्षा के लिए मसौदा नियमों पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा पांच मार्च तक बढ़ाई

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  • Publish Date - February 14, 2025 / 09:54 PM IST,
    Updated On - February 14, 2025 / 09:54 PM IST

नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आंकड़ों की सुरक्षा के लिए मसौदा नियमों पर विचार पेश करने की समय सीमा 15 दिन बढ़ाकर पांच मार्च कर दी है। शुक्रवार को एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई।

मसौदा नियम तीन जनवरी को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए थे और इसके लिए समय सीमा 18 फरवरी निर्धारित की गई थी।

अधिसूचना में कहा गया, “विभिन्न हितधारकों से प्राप्त प्रतिवेदनों के जवाब में मंत्रालय ने प्रतिक्रिया/टिप्पणियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि पांच मार्च, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।”

डिजिटल व्यक्तिगत आंकड़ा संरक्षण अधिनियम 2023 का उद्देश्य किसी व्यक्ति से जुड़ी जानकारी की गोपनीयता की रक्षा करना, व्यक्तिगत विवरण तक अनधिकृत पहुंच, उनके आंकड़ों को संसाधित करने से पहले स्पष्ट सहमति, केवल आवश्यक उद्देश्य के लिए इसका उपयोग आदि सहित विभिन्न उपायों द्वारा उनके दुरुपयोग को रोकना है।

लोगों के व्यक्तिगत आंकड़ों का उपयोग करके डिजिटलीकरण ने सेवाओं की डिलीवरी को बदल दिया है और जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके दुरुपयोग का खतरा भी बढ़ रहा है। इसलिए, यह जरूरी हो गया है कि डिजिटल किए गए व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखा जाए।

मसौदा नियम आंकड़ा संरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये नियम बच्चों के व्यक्तिगत जानकारी के प्रसंस्करण के लिए माता-पिता की अनुमति को आवश्यक बनाते हैं।

इसके अलावा, मसौदा नियमों में कहा गया है कि माता-पिता की पहचान और आयु को भी स्वैच्छिक रूप से प्रदान किए गए पहचान प्रमाण के माध्यम से मान्य और सत्यापित करना होगा, जो ‘कानून या सरकार द्वारा सौंपी गई किसी संस्था द्वारा जारी किया जाएगा।’

भाषा अनुराग रमण

रमण