आईएलएंडएफएस के निदेशक मंडल ने एनसीएलएटी में बैंकों के खिलाफ अर्जी लगाई

आईएलएंडएफएस के निदेशक मंडल ने एनसीएलएटी में बैंकों के खिलाफ अर्जी लगाई

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  • Publish Date - March 18, 2024 / 08:02 PM IST,
    Updated On - March 18, 2024 / 08:02 PM IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) कर्ज में डूबी ढांचागत वित्त कंपनी आईएलएंडएफएस के निदेशक मंडल ने ‘इरादतन चूककर्ता’ घोषित करने की कार्यवाही शुरू करने से 11 कर्जदाताओं को रोकने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी के समक्ष अर्जी दाखिल की है।

सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों को बकाया भुगतान न करने पर ‘इरादतन चूककर्ता’ घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में हैं। इसपर रोक लगाने के लिए निदेशक मंडल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का रुख किया है।

कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि वह अपीलीय न्यायाधिकरण के पिछले आदेशों का बैंकों द्वारा किए गए ‘घोर उल्लंघन और अवहेलना’ से व्यथित है। उसने बैंकों पर आरबीआई दिशानिर्देशों की आड़ में प्रक्रियात्मक कार्रवाई करने और समूह की कंपनियों के निदेशकों को परेशान करने का भी आरोप लगाया।

इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि बैंक कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं, इरादतन चूककर्ता पहचान समिति के समक्ष व्यक्तिगत सुनवाई की मांग कर रहे हैं और कंपनियों एवं उनके निदेशकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की धमकी दे रहे हैं।

आईएलएंडएफएस ने नए बोर्ड द्वारा अक्टूबर, 2018 के बाद नियुक्त अन्य समूह कंपनियों और/या उनके निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने से बैंकों को रोकने का अनुरोध किया है। इसके अलावा इसने बैंकिंग क्षेत्र के नियामक आरबीआई को भी एक पक्ष बनाया है।

इन बैंकों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, आईडीबीआई बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

वर्ष 2018 में भारी अनियमितता और वित्तीय संकट सामने आने के बाद एनसीएलएटी ने केंद्र की सिफारिश पर उसके तत्कालीन निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। उस समय समूह पर 94,000 करोड़ रुपये का कर्ज था।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय