मालवेयर हमले का पोसोको के कामकाज पर कोई असर नहीं: बिजली मंत्रालय

मालवेयर हमले का पोसोको के कामकाज पर कोई असर नहीं: बिजली मंत्रालय

मालवेयर हमले का पोसोको के कामकाज पर कोई असर नहीं: बिजली मंत्रालय
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: March 1, 2021 2:17 pm IST

नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) बिजली मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि किसी भी प्रकार के मालवेयर यानी साइबर हमले से पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पोसोको) के कामकाज में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। ऐसी स्थिति से निपटने को लेकर इस संदर्भ में प्राप्त परामर्श के आधार पर तत्काल कदम उठाये गये हैं।

मंत्रालय ने अमेरिकी की निजी कंपनी के अध्ययन पर अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही। अध्ययन में कहा गया है कि चीन से जुड़े एक समूह ने मालवेयर के जरिये भारत की पावर ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया है। मालवेयर एक सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने के इरादे से तैयार किया जाता है।

इस अध्ययन में संदेह जताया गया है कि क्या पिछले साल मुंबई में व्यापक स्तर पर बिजली का गुल होना ‘ऑनलाइन नेटवर्क’ को नुकसान पहुंचाने का नतीजा तो नहीं था?

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हालांकि मंत्रालय ने अपने बयान में मुंबई में बिजली गुल होने के मामले का जिक्र नहीं किया है।

अध्ययन की बातों पर अपनी प्रतिक्रिया में मंत्रालय ने कहा, ‘‘जिस खतरे की बात की जा रही है, उसका पोसोको के कामकाज में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इन घटनाओं के कारण आंकड़ों में कोई सेंध नहीं लगी है।’’

बयान के अनुसार, ‘‘इस मामले में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) ने इस तरह के किसी भी मामले, सीईआरटी-इन (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम), एनसीआईआईपीसी, सीईआरटी-ट्रांस समेत विभिन्न एजेंसियों से मिले परामर्श के आधार पर पोसोको के अंतर्गत आने वाले सभी केंद्रों पर तत्काल कदम उठाये हैं।’’

सीईआरटी-इन साइबर सुरक्षा संबंधित चुनौतियों से निपटने की नोडल एजेंसी है।

एनसीआईआईपीसी (नेशनल क्रिटिकल इनफॉर्मेशन प्रोटेक्शन सेंटर) महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचा सुरक्षा के लिये राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।

मैसाचुसेट्स की कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर ने अपने अध्ययन में कहा कि चीन सरकार से संबद्ध एक समूह के हैकरों ने मालवेयर के जरिये भारत के महत्वपूर्ण बिजली ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया है।

रिकॉर्डेड फ्यूचर ने अपनी ताजी रिपोर्ट चीन से जुड़े समूह रेड इको से उत्पन्न चुनौतियों का ब्योरा दिया है। इसमें कहा गया है कि समूह भारत के बिजली क्षेत्र को निशाना बना रहा है। अमेरिकी कंपनी राज्य के सरकारी संस्थानों द्वारा इंटरनेट के उपयोग का अध्ययन करती है।

इन आरोपों के बारे में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को चीन के भारत के बिजली ग्रिड को हैक करने में शामिल होने की आलोचना को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बिना किसी सबूत के इस प्रकार का आरोप लगाना गलत इरादे से और गैर-जिम्मेदाराना हरकत है।

उल्लेखनीय है कि 12 अक्टूबर को मुंबई में ग्रिड के ठप होने से व्यापक स्तर पर बिजली गुल हो गयी थी। इससे

ट्रेनें जहां थी, वहीं रुक गयीं तथा कोविड-19 महामारी के कारण जो लोग घरों से काम कर रहे थे, उनका कामकाज प्रभावित हुआ।

जरूरी सेवाओं के लिये बिजली चालू में होने में दो घंटे का समय लगा। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जांच के आदेश दिये।

भाषा

रमण अजय

अजय


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