Minimum Wages Hike Notification || Image- IBC24 News Archive
Minimum Wages Hike Notification: चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने परिवर्तनीय महंगाई भत्ता (वीडीए) बढ़ाया है। इसके साथ कुशल और अकुशल श्रेणी के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी में 168 रुपये का इजाफा किया गया है। प्रशासन की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार नई न्यूनतम मजदूरी दरें एक अक्तूबर से प्रभावी होंगी और 31 मार्च 2026 तक लागू रहेंगी। इस फैसले से शहर में कार्यरत हजारों श्रमिकों और कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
अधिसूचना के मुताबिक अकुशल श्रमिकों की मासिक न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 14,562 रुपये और दैनिक मजदूरी 560 रुपये कर दी गई है जो पहले क्रमशः 14,394 रुपये और 554 रुपये थी। अर्ध-कुशल श्रेणियों में भी वृद्धि की गई है। सेमी-स्किल्ड-2 श्रमिकों को अब 14,712 रुपये मासिक और 566 रुपये दैनिक, जबकि सेमी-स्किल्ड-1 श्रेणी के लिए मजदूरी 14,812 रुपये मासिक और 570 रुपये दैनिक तय की गई है।
Minimum Wages Hike Notification: कुशल श्रमिकों को भी राहत मिली है। स्किल्ड-2 श्रेणी के लिए न्यूनतम मजदूरी 15,012 रुपये मासिक और 577 रुपये दैनिक जबकि स्किल्ड-1 के लिए 15,237 रुपये मासिक और 586 रुपये दैनिक निर्धारित की गई है। अत्यधिक कुशल श्रमिकों को अब 15,637 रुपये मासिक और 601 रुपये दैनिक मजदूरी मिलेगी।
स्टाफ श्रेणी में भी संशोधन किया गया है। नए आदेशों के अनुसार क्लास-3 स्टाफ की न्यूनतम मजदूरी 14,837 रुपये मासिक और 571 रुपये दैनिक, क्लास-2 स्टाफ की 14,987 रुपये मासिक और 576 रुपये दैनिक तथा क्लास-1 स्टाफ की 15,347 रुपये मासिक और 590 रुपये दैनिक तय की गई है।
Minimum Wages Hike Notification: प्रशासन ने होटल, रेस्टोरेंट, टी-स्टॉल और ढाबों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी संशोधित मजदूरी दरें अधिसूचित की हैं। बिना भोजन व आवास सुविधा वाले अकुशल श्रमिकों को 14,562 रुपये मासिक, अर्ध-कुशल श्रेणी-2 को 14,712 रुपये और अर्ध-कुशल श्रेणी-1 को 14,812 रुपये मासिक मजदूरी मिलेगी। कुशल श्रेणी-2 के लिए 15,012 रुपये, कुशल श्रेणी-1 के लिए 15,237 रुपये और अत्यधिक कुशल कर्मचारियों के लिए 15,637 रुपये मासिक मजदूरी तय की गई है।
भोजन और आवास की सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में मजदूरी दरों में नियमानुसार कटौती का प्रावधान किया गया है। प्रशासन ने कहा है कि यह बढ़ोतरी महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए की गई है ताकि श्रमिकों और कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिल सके।