सरकारी बिकवाली की पहल से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

सरकारी बिकवाली की पहल से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

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  • Publish Date - July 5, 2025 / 06:59 PM IST,
    Updated On - July 5, 2025 / 06:59 PM IST

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) सरकार की ओर से वर्ष 2025 के खरीदे गये बेहतर गुणवत्ता के नये सरसों फसल के बेचने की पहल के बाद घरेलू तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों तेल-तिलहन में गिरावट दर्ज हुई। दूसरी ओर कम आवक के बीच मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन में सुधार आया। शिकागो एक्सचेंज बंद रहने के कारण सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें पूर्वस्तर पर स्थिर बनी रहीं।

शिकॉगो एक्सचेंज अब सोमवार को खुलेगा तब कारोबार के रुख का कोई संकेत मिलेगा।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2025 में खरीदे गये सरसों की फसल बिक्री के लिए निविदा मंगाई है। इस पहल के कारण सरसों के साथ साथ कई अन्य तेल-तिलहन कीमतों पर भी दवाब दिखा। सरसों तेल-तिलहन के दाम में गिरावट का यह मुख्य कारण था।

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर मंडियों में कम आवक तथा मांग में आई तेजी के कारण मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में पर्याप्त सुधार आया। उल्लेखनीय है कि हाजिर बाजार में मूंगफली के थोक दाम, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी (15-17 प्रतिशत से भी अधिक) नीचे हैं और आज सुधरने के बाद भी इसके दाम एमएसपी से नीचे (14-15 प्रतिशत नीचे) ही बने हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि सरसों की कीमत टूटने से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम भी प्रभावित हुए हैं। विदेशों में, विशेषकर शिकागो एक्सचेंज के बंद रहने से कारोबार सुस्त होने के कारण सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम स्थिर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि आयातकों द्वारा लागत से कम दाम पर सोयाबीन डीगम बेचना, उनकी आर्थिक तंगहाली का सूचक है। उन्हें बैंकों में अपना ऋण साख पत्र (लेटर आफ क्रेडिट) चलाते रहने के लिए बैंकों का भुगतान करने के लिए आयातित डीगम तेल को लागत से कम दाम पर बेचना पड़ रहा है। इसके बावजूद लिवालों की कमी है। खाद्यतेलों की जरुरतों को पूरा करने के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर करने वाले इस देश में आयातकों को लागत से कम दाम पर खाद्यतेल बेचना पड़े, यह आश्चर्यजनक है। तेल संगठन या खाद्यतेल विशेषज्ञों को इस पर विचार कर सरकार को कोई समाधान सुझाना चाहिये।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,925-6,975 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,700-6,075 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,230-2,530 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,875 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,560-2,660 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,560-2,695 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,650 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,350 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,375-4,425 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,075-4,175 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय