National Pension Scheme Guidelines || Image- IBC24 News File
National Pension Scheme Guidelines: नई दिल्ली: केंद्रीय पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नैशनल पेंशन सिस्टम के तहत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को चुनने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए वीआरएस और उससे जुड़े लाभों को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। गाइडलाइंस के अनुसार, 20 वर्ष की नियमित सेवा पूरी कर चुका कर्मचारी वीआरएस ले सकता है और उसे कम-से-कम 3 माह पूर्व इसकी सूचना देनी होगी।
सभी पेंशनरों के लिए साल का यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपनी पेंशन को बिना किसी रुकावट के जारी रखने के लिए ‘जीवन प्रमाण पत्र’ यानी लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होता है। केंद्र सरकार के पेंशनरों के लिए यह काम करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। यह सर्टिफिकेट इस बात का सबूत होता है कि पेंशन पाने वाला व्यक्ति जीवित है। सरकार ने इस प्रक्रिया को बहुत आसान बनाने के लिए ‘जीवन प्रमाण’ नाम से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) की सुविधा शुरू की है। लेकिन, इस सुविधा को लेकर कई लोगों के मन में भ्रम है, खासकर यह कि कौन इसका फायदा उठा सकता है और कौन नहीं।
National Pension Scheme Guidelines: डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट या ‘जीवन प्रमाण’ पेंशनरों के लिए एक डिजिटल सुविधा है। पहले पेंशनरों को हर साल खुद बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर एक फॉर्म जमा करना होता था। लेकिन अब, वे अपनी उंगली की छाप (फिंगरप्रिंट) या आंख की पुतली (आइरिस) की मदद से अपनी बायोमेट्रिक पहचान कराकर यह सर्टिफिकेट डिजिटल रूप से जमा कर सकते हैं। यह प्रक्रिया बेहद आसान है और इससे पेंशनरों को लंबी लाइनों में खड़े होने से छुटकारा मिल गया है। सर्टिफिकेट जमा होने पर एक 10 अंकों की यूनिक ‘प्रमाण आईडी’ (Pramaan ID) मिलती है, जो इसका सबूत होती है।
‘जीवन प्रमाण’ की सुविधा मुख्य रूप से सरकारी खजाने से पेंशन पाने वालों के लिए है।
केंद्र सरकार के पेंशनर: वे सभी कर्मचारी जो केंद्र सरकार से रिटायर हुए हैं और पेंशन ले रहे हैं, वे इसके लिए पूरी तरह योग्य हैं।
राज्य सरकार के पेंशनर: अलग-अलग राज्य सरकारों के पेंशनर भी इस डिजिटल सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
स्थानीय निकाय और अन्य सरकारी संस्थाएं: इनके अलावा, स्थानीय निकायों (जैसे नगर निगम) या किसी अन्य सरकारी संस्था से पेंशन पाने वाले भी इसके लिए योग्य हैं।
इसमें एक जरूरी शर्त यह है कि आपकी पेंशन देने वाली संस्था (PDA), जैसे कि आपका बैंक या डाकघर, ‘जीवन प्रमाण’ पोर्टल पर रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
यहीं पर सबसे ज्यादा भ्रम की स्थिति है। ‘जीवन प्रमाण’ की वेबसाइट पर साफ बताया गया है कि यह सुविधा उन लोगों के लिए नहीं है, जो कर्मचारी पेंशन योजना (Employees’ Pension Scheme – EPS), 1995 के तहत पेंशन पा रहे हैं। यह एक बड़ी जानकारी है क्योंकि देश में करोड़ों लोग ईपीएस के दायरे में आते हैं।
हालांकि, इसमें एक पेंच है। अगर कोई व्यक्ति ऐसा है जो ईपीएस 1995 के तहत भी पेंशन ले रहा है और साथ ही वह केंद्र या राज्य सरकार के विभाग से भी पेंशन (पारिवारिक पेंशन को छोड़कर) ले रहा है, तो वह अपनी सरकारी पेंशन के लिए ‘जीवन प्रमाण’ का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन, सिर्फ ईपीएस 1995 की पेंशन के लिए यह मान्य नहीं है।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के कई आसान तरीके हैं।
National Pension Scheme Guidelines: इसे बनवाने के लिए आपको अपना पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) नंबर, बैंक खाते की जानकारी, मोबाइल नंबर और आधार नंबर की जरूरत पड़ती है। आधार नंबर आपकी बायोमेट्रिक पहचान के लिए जरूरी है।