नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के एक न्यायिक सदस्य ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी गूगल पर लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने की अपील पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
एनसीएलएटी की एक पीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया कि गूगल की अपील को उस पीठ के पास सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए जिसमें न्यायमूर्ति राकेश कुमार शामिल न हों। यह आदेश देने वाली पीठ में न्यायमूर्ति कुमार के अलावा आलोक श्रीवास्तव भी शामिल थे।
इस पीठ ने अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष गूगल की अपील को सुनवाई के लिए रखने को कहा है। इसके लिए एनसीएलएटी की रजिस्ट्री को निर्देश दिया गया है।
भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) ने गत 25 अक्टूबर को एंड्रॉयड प्रणाली का बेजा फायदा उठाने का दोषी पाते हुए गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अलावा गूगल के प्लेस्टोर मंच पर उपलब्ध ऐप के मामले में एकाधिकार को भी गलत बताया था।
इसके पहले न्यायमूर्ति कुमार और श्रीवास्तव की पीठ ने गत 11 जनवरी को गूगल को अंतरिम राहत देने से मना कर दिया था। इसके साथ ही उसने जुर्माने की राशि का 10 प्रतिशत अपीलीय न्यायाधिकरण की रजिस्ट्री के पास जमा कराने और 17 अप्रैल तक सुनवाई स्थगित रखने को कहा था।
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प्रेम रमण
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