मुंबई, (भाषा) दबाव से जूझ रहे कॉरपोरेट क्षेत्र को और राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कोविड-19 ऋण पुनर्गठन योजना के तहत कुछ परिचालन की सीमाओं को हासिल करने की समयसीमा को छह महीने बढ़ाकर एक अक्टूबर, 2022 कर दिया है। केवी कामत समिति ने इसकी सिफारिश की थी। इस योजना की घोषणा पिछले साल की गई थी।
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कामत समिति ने चार सितंबर, 2020 को ‘कोविड-19 से संबंधित दबाव के लिए समाधान रूपरेखा’ में कुछ वित्तीय मानदंडों को शामिल करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा इन मानकों के लिए क्षेत्र आधारित बेंचमार्क की भी सिफारिश की गई थी।
समिति ने 26 क्षेत्रों के लिए वित्तीय अनुपात तय किया था, जिसे वित्त प्रदान करने वाले संस्थानों को कर्जदाता के लिए समाधान योजना को अंतिम रूप देते समय शामिल करना था। वित्तीय पहलू में पहुंच, तरलता और ऋण को चुकाने की क्षमता शामिल है।
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कोविड-19 से संबंधित समाधान रूपरेखा के क्रियान्यन की योजना के तहत विभिन्न वित्तीय मानदंडों पर क्षेत्र विशेष की निधारित सीमा को पूरा किया जाना है। इसकी घोषणा छह अगस्त, 2020 को हुई थी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘इन मानदंड में, चार कर्ज लेने वाली इकाइयों के परिचालन प्रदर्शन से संबंधित हैं। ये हैं….कुल ऋण से ईबीआईडीटीए अनुपात, चालू अनुपात, कर्ज चुकाने के कवरेज का अनुपात और ऋण अदायगी कवरेज का औसत अनुपात।
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इन अनुपात को 31 मार्च, 2022 तक पूरा किया जाना था। दास ने कहा, ‘‘कारोबार क्षेत्र पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर इन चार मानदंडों की लक्षित तिथि को बढ़ाकर एक अक्टूबर, 2022 किया जा रहा है।’’
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