नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस सेट्टी ने शनिवार को कहा कि बैंक आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए निर्माण वित्त से जुड़ी अपनी नीति पर फिर से विचार करेगा। उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि ऐसे ऋणों के लिए ब्याज दर तय करने में जवाबदेही और पारदर्शिता प्रमुख कारक होंगे।
इस समय आवासीय परियोजनाओं के निर्माण वित्त में बैंक की मौजूदगी लगभग नगण्य है, हालांकि वह वाणिज्यिक रियल एस्टेट में धीरे-धीरे अपना पोर्टफोलियो तैयार कर रहा है।
उन्होंने अत्यधिक उधारी के कारण अतीत में हुई विफलताओं का जिक्र करते हुए कहा, ”हमें निर्माण (वित्त) पर, खासकर आवासीय रियल एस्टेट में किस तरह काम करना चाहिए, इस पर हम विचार कर रहे हैं। लेकिन यह भी एक तथ्य है कि जो लोग आवासीय रियल एस्टेट बाजार में बहुत आक्रामक रहे हैं, उन्होंने नुकसान उठाया है।”
उन्होंने रियल एस्टेट विकासकर्ताओं की संस्था क्रेडाई के एक कार्यक्रम में कहा, ”पारदर्शिता, परियोजना प्रबंधन और जोखिम प्रबंधन के संदर्भ में स्थिरता हमें कुछ भरोसा देती है… जवाबदेही ही वह चीज है जो हमारे जैसे ऋणदाताओं को विश्वास दिलाएगी, और तब आप अपेक्षाकृत कम लागत पर निर्माण वित्त पा सकेंगे।”
वाणिज्यिक रियल एस्टेट के संबंध में सेट्टी ने कहा कि डेवलपर्स को आगामी कार्यालय स्थल परियोजनाओं के लिए निर्माण वित्त हासिल करने हेतु संभावित किरायेदारों से कम से कम 40–50 प्रतिशत की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ”हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते कि हमारे पास इमारत तो हो, लेकिन वह खाली पड़ी हो।”
भाषा पाण्डेय
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