नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को अदाणी समूह की कई कंपनियों के निदेशक और उद्योगपति गौतम अदाणी के भतीजे प्रणव अदाणी को कीमत से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं साझा करने और भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन के आरोपों से बरी कर दिया।
सेबी ने उनके दो अन्य रिश्तेदारों को भी इन आरोपों से मुक्त कर दिया है।
मामला इस बात की जांच पर केंद्रित था कि क्या प्रणव अदाणी ने अदाणी ग्रीन एनर्जी द्वारा एसबी एनर्जी के अधिग्रहण से जुड़े गोपनीय और मूल्य-संवेदनशील विवरण किसी को सार्वजनिक होने से पहले साझा किए थे।
इस मामले जांच के लिए सेबी ने 28 जनवरी 2021 से 20 अगस्त 2021 के बीच अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में हुए कारोबार की पड़ताल की। नवंबर 2023 में जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सेबी को लगा कि भेदिया कारोबार नियमों का उल्लंघन हो सकता है और इसलिए तीन व्यक्तियों प्रणव अदाणी, कुणाल धनपाल भाई शाह और निरुपल धनपाल भाई शाह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
प्रणव अदाणी पर आरोप था कि उन्होंने अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी साझा की, जबकि शाह बंधुओं पर आरोप था कि उन्होंने इस सूचना का उपयोग कर अवैध रूप से लाभ कमाया। ये आरोप नवंबर 2023 में जारी कारण बताओ नोटिस में दर्ज थे।
हालांकि, विस्तृत जांच के बाद सेबी को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि प्रणव अदाणी ने किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी साझा की हो या शाह बंधुओं ने अंदरूनी जानकारी के आधार पर कारोबार किया हो।
सेबी ने अपने 50-पृष्ठ के आदेश में कहा, ’16 मई 2021 की कॉल का उद्देश्य प्रणव द्वारा कोई गोपनीय जानकारी साझा करना नहीं था। कुणाल और निरुपल के लेन-देन वास्तविक थे और कंपनी या उसके प्रतिभूतियों से संबंधित किसी भी गोपनीय जानकारी से प्रभावित नहीं थे।’
नियामक ने निष्कर्ष निकाला कि आरोप सही नहीं ठहराए जा सकते और चूंकि लेन-देन वास्तविक थे, इसलिए कोई जुर्माना या निर्देश आवश्यक नहीं हैं।
भाषा योगेश रमण
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