Electricity Price hike
Electricity company increased rates: रायपुर। बिजली दरों में बढोत्तरी को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार पर हमला बोला है, कौशिक ने कहा कि है कि राज्य सरकार कोयले का बहाना कर रेट ना बढ़ाए। सरकार ने बिजली बिल हाफ करने का वादा किया था, लेकिन बैकडोर से बिजली की दर बढ़ाई जा रही है। कौशिक ने कहा कि जनता के हित में सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।
बता दें कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका देते हुए बिजली कंपनी ने 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजजी की कीमतों में इजाफा कर दिया है। कंपनी ने कोयला महंगा होने के हवाल देते हुए प्रति यूनिट के हिसाब से 30 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है।
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ऐसा माना जा रहा है कि बिजली बनाने के लिए हो रहे विदेशी कोयला के उपयोग से छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, एनटीपीसी की ओर से आयातित कोयले के प्रयोग के कारण प्रति माह लगभग 120 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। इसकी भरपाई के लिए उपभोक्ताओं पर लगभग 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से वीसीएस चार्जेस अधिरोपित हो रहा है।
जनवरी से मार्च तक एनटीपीसी संयंत्रों से क्रय की जा रही विद्युत की केवल उर्जा प्रभार की औसत दर 1.97 रुपए प्रति यूनिट थी, जो जून से अगस्त के मध्य औसत 2.78 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। इस प्रकार 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोयला आयात करने का जब फैसला लिया था, तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली महंगी होने की आशंका जताई थी।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की ओर से अधिकतम 15 प्रतिशत की मात्रा तक आयातित कोयला उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। एवं यह अपेक्षा की गई है कि कुल आवश्यकता का 9 प्रतिशत कोयला आयात किया जाए।
बताया गया है कि जून 2022 से एनटीपीसी की ओर से कुछ पावर प्लांट में 10 से 15 प्रतिशत तक आयातित कोयला का उपयोग किया जा रहा है। आयातित कोयले की दर घरेलू कोयले की दर के मुकाबले 4 से 6 गुना अधिक है। इस कारण आयातित कोयले से उत्पादित विद्युत की दर भी 4 से 6 गुणा अधिक होती है।