वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21वीं सदी का ‘सेवा-ग्राम’

वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21वीं सदी का ‘सेवा-ग्राम’

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  • Publish Date - October 19, 2021 / 05:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

रायपुर, 19 अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ में वर्धा की तर्ज पर ‘सेवा ग्राम’ की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कांग्रेस के प्रशिक्षण प्रभारी सचिन राव के साथ नवा रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम के लिए चिन्हांकित स्थल का निरीक्षण किया।

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि आजादी के 75वें वर्ष में आजादी की लड़ाई के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों तथा महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण रखने के लिए नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जाएगी।

सेवा ग्राम के लिये निर्धारित स्थल के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि सेवा ग्राम के लिए नवा रायपुर में 76.5 एकड़ की जमीन चिन्हांकित की गई है। यह स्थान नवा रायपुर के ‘लेयर वन’ से लगा हुआ है। इस स्थल में लगभग पांच एकड़ क्षेत्र में दो नहर भी हैं, शेष 75 एकड़ भूमि में सेवा ग्राम बसाया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि सेवा ग्राम को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि वहां छत्तीसगढ़ की परंपरागत ग्रामीण भवन शैली की झलक दिखे। निर्माण कार्यों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध निर्माण सामग्री का उपयोग होगा। आश्रम के अंदर की सड़के भी ग्रामीण परिवेश के अनुरूप होंगी। उन्होंने कहा कि सेवा ग्राम तक पूरा क्षेत्र हरियाली से भरपूर रहेगा व आश्रम का पूरा वातावरण आत्मिक शांति प्रदान करने वाला करेगा।

उन्होंने बताया कि सेवा ग्राम में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और आत्मनिर्भर-ग्राम की कल्पना को साकार करने के लिए सभी प्रकार के कारीगरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था का प्रावधान भी किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के पीछे महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम है, जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा के निवास के रूप की गई थी। जिससे वहां से वह मध्य भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व कर सकें। वर्धा का यह संस्थान महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण भारत के पुननिर्माण का केंद्र भी था। गांधीजी का मानना था कि भारत की स्थितियों में स्थायी रूप से सुधार के लिए ग्राम-सुधार ही एकमात्र विकल्प है।

उन्होंने बताया कि अब 21वीं सदी में महात्मा गांधी के उन्हीं सपनों के अनुरूप ग्राम-सुधार के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए नवा-रायपुर में सेवा-ग्राम की स्थापना की जा रही है। इस सेवा-ग्राम का निर्माण मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करते हुए किया जाएगा। यह परियोजना गांधी-दर्शन को याद रखने और सीखने की प्रेरणा देगी। साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन की यादों और राष्ट्रीय इतिहास को भी इसके माध्यम से जीवंत रखा जा सकेगा।

अधिकारियों ने बताया कि नवा रायपुर में प्रस्तावित सेवाग्राम में गांधीवादी सिद्धांतों, ग्रामीण कला और शिल्प के केंद्र विकसित किए जाएंगे, जहां अतिथि विषय-विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि साथ ही वहां वृद्धाश्रम तथा वंचितों के लिए स्कूल भी स्थापित किए जाएंगे।

भाषा संजीव संजीव प्रशांत

प्रशांत