‘एडसमेटा’…रिपोर्ट…इंसाफ का इंतजार! जिन लोगों ने अपनों को खोया है उन्हें कब मिलेगा इंसाफ?

जिन लोगों ने अपनों को खोया है उन्हें कब मिलेगा इंसाफ? Adsamata Encounter! When will gets justice who lost Family Memabers?

‘एडसमेटा’…रिपोर्ट…इंसाफ का इंतजार! जिन लोगों ने अपनों को खोया है उन्हें कब मिलेगा इंसाफ?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: March 14, 2022 10:56 pm IST

रिपोर्ट- राजेश मिश्रा से साथ सौरभ सिंह परिहार, रायपुर: Adsamata Encounter in Hindi! मई 2013 में बीजापुर के एडसमेटा गांव में हुई मुठभेड़ फर्जी थी। ये हम नहीं बल्कि विधानसभा में पेश हुई न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट कह रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस रिपोर्ट को सदन में पेश किया, उसमें साफ-साफ बताया गया कि सुरक्षाबलों ने बीज पंडुम का त्योहार मना रहे आदिवासियों पर घबराहट में गोली चलाई थी, जिसमें 8 ग्रामीण मारे गए। इस तरह की घटनाएं भविष्य में ना हो, इसलिए आयोग ने अपनी रिपोर्ट में अहम सुझाव भी दिए हैं। अब जब करीब एक दशक बाद ये साफ हो गया है कि एडसमेटा की मुठभेड़ फर्जी थी, तो क्या मामले में कोई कार्रवाई होगी?

Read More: 9वीं के छात्रों ने ‘जय श्री राम’ कहकर किया एक दूसरे को अभिवादन, तो मिशनरी स्कूल ने कहा- माफी मांगो

Adsamata Encounter! आखिर 9 साल बाद एडसमेटा मुठभेड़ कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। रिपोर्ट के मुताबिक गोलीबारी आत्मरक्षा में नहीं की गई थी। कोई भी तथ्य नहीं मिले हैं, जिससे पता चलता हो कि ग्रामीणों की ओर से सुरक्षाबलों पर गोली चलाई गई हो या हमला किया गया हो। आयोग ने साफ-साफ ये कहा है कि गोलीबारी ग्रामीणों को पहचानने में गलती और सुरक्षाबलों की घबराहट की वजह से हुई है। आयोग ने माना है कि मृत और घायल लोगों का नक्सलियों से कोई संबंध नहीं है। अगर सुरक्षाबलों के पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण, आधुनिक संचार के साधन और बेहतर प्रशिक्षण होता तो इस घटना को रोका भी जा सकता था। रिपोर्ट सार्वजनिक होने के कांग्रेस कह रही है कि हमने जो आरोप लगाया था वही रिपोर्ट में है। जबकि बीजेपी का कहना है कि जो अनुशंसा की गई है उसके मुताबिक काम किया जाना चाहिए।

 ⁠

Read More: हिजाब मामले को लेकर हाईकोर्ट कल सुना सकता है फैसला, स्कूलों में हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए दायर की गई है याचिका 

विधानसभा के पटल पर विशेष न्यायिक जांच आयोग की जो जांच रिपोर्ट रखी गई है, उसके मुताबिक तो ये साफ है कि बीजापुर के एडसमेटा में हुई कथित मुठभेड़ फर्जी थी। सुरक्षाबलों ने बीज पंडुम का त्योहार मना रहे आदिवासियों पर घबराहट में गोली चलाई थी। इसमें 8 ग्रामीणों की मौत हुई थी।
आयोग ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी दिए हैं।

Read More: जयमाला के बाद दुल्हन ने अचानक थाम ली बंदूक, फिर दनादन दाग दी गोलियां, देखकर उड़े दूल्हे के होश

दरअसल 17-18 मई 2013 की रात सुरक्षाबलों की फायरिंग में आठ ग्रामीणों की मौत हो गई थी, उनमें से चार बच्चे थे। सुरक्षाबलों का दावा था कि वहां नक्सली थे। उन्होंने ग्रामीणों को ढाल बनाया और क्रास फायरिंग में उनकी मौत हुई। जबकि जांच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षाकर्मियों ने घबराहट में गोलियां चलाई। आयोग ने सुरक्षाबलों के काम में कई खामियां पाई। ये भी कहा गया है कि मारे गए आदिवासी निहत्थे थे और गोलियां चलने से सभी मारे गए। जांच रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सावल है कि अब आगे क्या? आखिर कथित मुठभेड़ में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उन्हें इंसाफ कब मिलेगा?

Read More: अधूरे रह गए दूल्हे के अरमान, जब सुहागरात पर ही दुल्हन ने कहा- गेट आउट…, खुला सनसनीखेज राज 


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"