Ambikapur Digital Arrest: छत्तीसगढ़ में CRPF का जवान बना डिजिटल अरेस्ट का शिकार, 17 दिन तक साइबर ठगों ने डराकर उड़ाए 22 लाख रुपए

Ambikapur Digital Arrest: छत्तीसगढ़ में CRPF का जवान बना डिजिटल अरेस्ट का शिकार, 17 दिन तक साइबर ठगों ने डराकर उड़ाए 22 लाख रुपए

  • Reported By: Abhishek Soni

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  • Publish Date - July 3, 2025 / 09:21 PM IST,
    Updated On - July 3, 2025 / 09:21 PM IST

Ambikapur Digital Arrest | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • CRPF एसआई बना डिजिटल अरेस्ट का शिकार,
  • 17 दिनों में ठगों ने वसूले 22 लाख रुपये,
  • मामला दर्ज कर जाँच में जुटी पुलिस,

अंबिकापुर: Ambikapur Digital Arrest: अंबिकापुर शहर में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस बार ठगी का शिकार कोई आम नागरिक नहीं, बल्कि केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) का एक अधिकारी बना है। गांधीनगर थाना क्षेत्र में स्थित CRPF कैंप में पदस्थ सब-इंस्पेक्टर आर. महेंद्रन को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट में फंसाकर लगातार 17 दिनों तक मानसिक दबाव में रखा और 22 लाख रुपये की ठगी कर ली।

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Ambikapur Digital Arrest: पीड़ित एसआई आर. महेंद्रन के अनुसार, 6 मई को उन्हें एक व्हाट्सएप कॉल आया। कॉलर ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार नंबर से जारी एक मोबाइल सिम का गैर-कानूनी गतिविधियों में उपयोग हो रहा है। आरोप लगाया गया कि उनके खिलाफ गंभीर केस दर्ज है। इसके बाद महेंद्रन को वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया। उन्हें कहा गया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती वे किसी से बात नहीं करेंगे न ही कैंप छोड़ेंगे।

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Ambikapur Digital Arrest: इस दौरान ठगों ने खुद को जांच एजेंसी के अधिकारी बताकर लगातार वीडियो कॉलिंग के ज़रिए संपर्क में बने रहे और डराने-धमकाने की रणनीति अपनाकर उनसे अलग-अलग खातों में कुल 22 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।पीड़ित ने जब पूरे मामले की सच्चाई समझी तब उन्होंने गांधीनगर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और साइबर सेल की मदद से कॉल और ट्रांजैक्शन डिटेल्स खंगाली जा रही हैं।

"डिजिटल अरेस्ट क्या है?"

डिजिटल अरेस्ट एक साइबर ठगी का तरीका है जिसमें ठग खुद को पुलिस या जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर व्यक्ति को धमकाते हैं और उन्हें मानसिक दबाव में रखकर पैसे ऐंठते हैं।

"डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?"

किसी अनजान व्हाट्सएप या वीडियो कॉल पर आने वाली कॉल को गंभीरता से न लें। कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल पर जांच नहीं करती। ऐसे कॉल आएं तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।

"डिजिटल अरेस्ट मामले में शिकायत कैसे दर्ज करें?"

यदि आप "डिजिटल अरेस्ट" का शिकार हुए हैं तो नजदीकी पुलिस स्टेशन या राज्य साइबर सेल में शिकायत दर्ज करें। साथ ही www.cybercrime.gov.in पर भी ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं।

"अगर किसी ने मुझे डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी तो क्या करें?

ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं। कॉल का स्क्रीनशॉट और नंबर सुरक्षित रखें, किसी भी तरह का पैसा ट्रांसफर न करें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

"क्या CRPF अधिकारी भी 'डिजिटल अरेस्ट' का शिकार हो सकते हैं?"

हां, इस ठगी में ठग इतने पेशेवर होते हैं कि आम नागरिकों के साथ-साथ सरकारी अधिकारी भी भ्रमित हो जाते हैं। इसलिए जागरूक रहना और जानकारी साझा करना बेहद जरूरी है।