DRAUPADI MURMU CG VISIT/ image osurce: IBC24
Draupadi Murmu CG Visit: अंबिकापुर: कुख्यात या कहें मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा के मारे जाने के बाद पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 20 नवंबर, 2025 को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आगमन तय है। राष्ट्रपति के इस प्रवास से क्षेत्र में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में रहने वाले 80 वर्षीय बसंत पंडो की ज़िंदगी में एक बार फिर उम्मीद की किरण जग गई है। साल 1952 में, जब बसंत केवल 6 साल के थे, तब उनकी मुलाकात भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से हुई थी। उस समय सूरजपुर में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने छोटे बसंत को गोद में उठाया और उनका नाम ‘बसंत’ रखा। यह घटना बसंत पंडो के जीवन का एक अविस्मरणीय और ऐतिहासिक पल बन गई। अब 73 साल बाद, बसंत पंडो एक बार फिर राष्ट्रपति से मिलने की उम्मीद रख रहे हैं। इस बार, उन्हें वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का अवसर मिलने की संभावना है।
कुख्यात या कहें मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा के मारे जाने के बाद पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 20 नवंबर, 2025 को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आगमन तय है। राष्ट्रपति के इस प्रवास से क्षेत्र में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोग और जनजातीय समुदाय राष्ट्रपति के स्वागत और उनकी उपलब्धियों को जानने के लिए उत्सुक हैं। ऐसे में बसंत पंडो को राष्ट्रपति से मिलने और अपनी पुरानी यादों को साझा करने का अवसर मिलने की उम्मीद उनके जीवन की एक बड़ी घटना बन सकती है।
Draupadi Murmu CG Visit: बसंत पंडो की डॉ. राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात सरगुजा की धरती पर हुई थी, जहां राष्ट्रपति ने उन्हें गोद में उठाया और उनका नामकरण किया। उस समय छोटे बसंत की मासूमियत और उस घटना की अनोखी यादें आज भी उनके मन में ताज़ा हैं। अब, 80 वर्षीय बसंत पंडो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर न केवल अपनी स्मृतियों को साझा करना चाहते हैं, बल्कि अपनी जीवन यात्रा के इस विशेष अवसर का अनुभव भी लेना चाहते हैं।
Draupadi Murmu CG Visit: स्थानीय प्रशासन ने बताया कि राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा और कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अंबिकापुर में राष्ट्रपति का स्वागत बड़े सम्मान के साथ किया जाएगा। बसंत पंडो की राष्ट्रपति से मुलाकात सरगुजा और आसपास के जनजातीय समाज के लिए गर्व का अवसर होगी। यह एक दुर्लभ मौका है जब किसी व्यक्ति को दो अलग-अलग राष्ट्रपतियों से मिलने का अवसर मिल सकता है।