Bhanupratappur News: ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके लोगों की घर वापसी! 3 परिवारों ने फिर से अपनाया हिंदू धर्म, धर्मांतरण को लेकर कही ये बड़ी बात

ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके लोगों की घर वापसी! Bhanupratappur News: People who have converted to Christianity return home

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  • Publish Date - November 16, 2025 / 04:11 PM IST,
    Updated On - November 17, 2025 / 01:14 AM IST

Maharashtra News. Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • भानुप्रतापपुर के कराकी गांव में 3 परिवारों ने ईसाई धर्म छोड़कर पुनः सनातन धर्म अपनाया।
  • विधिवत पूजा-अर्चना, हवन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ की गई घर-वापसी।
  • ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने परिवारों का सभी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ स्वागत किया।

भानुप्रतापपुर। Bhanupratappur News: एक ओर जहां छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण चरम पर हैं तो दूसरी ओर धर्मांतरित लोगों के अपने मूल धर्म में वापसी का सिलसिला भी चल रहा है। इस बीच अब कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर इलाके से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां के कोडकुर्से क्षेत्र के कराकी गांव में तीन परिवारों ने ईसाई धर्म छोड़कर पुनः सनातन धर्म अपना लिया है। रविवार को गांव में विधिवत पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इन परिवारों का स्वागत किया गया।

Bhanupratappur News: धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार हवन एवं पूजा सम्पन्न कर इन परिवारों ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वे अब हिंदू धर्म का पालन करेंगे। ग्रामीणों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस अवसर पर मौजूद रहे और उन्होंने परिवारों के इस निर्णय का स्वागत किया। गांव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान लोगों ने पारंपरिक ढंग से इन परिवारों को शुभकामनाएं दीं तथा समाज में सद्भाव और एकता बनाए रखने का संदेश दिया।

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भानुप्रतापपुर में किस गांव के परिवारों ने पुनः सनातन धर्म अपनाया?

कराकी गांव के तीन परिवारों ने पुनः सनातन धर्म को अपनाया।

धर्म में वापसी की प्रक्रिया कैसे संपन्न हुई?

परिवारों ने हवन, पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सार्वजनिक रूप से सनातन धर्म स्वीकार किया।

क्या कार्यक्रम में ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मौजूद थे?

हाँ, ग्रामीणों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे और उन्होंने परिवारों का स्वागत किया।

यह धर्म-वापसी किस दिन हुई?

यह कार्यक्रम रविवार को गांव में आयोजित किया गया।

इस घटना का स्थानीय स्तर पर क्या प्रभाव देखा गया?

गांव में इसका सकारात्मक स्वागत हुआ और इसे सामाजिक सद्भाव तथा एकता का संदेश माना गया।