Reported By: Santosh Tiwari
,Naxal rehabilitiation program/ image source: IBC24
Naxal Rehabilitation Program: बीजापुर: नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में आत्मसमर्पित माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चलाए जा रहे पुनर्वास एवं कौशल उन्नयन कार्यक्रम लगातार सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं।
हथियार छोड़ने के बाद समाज और परिवार के बीच सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत करने वाले इन युवाओं को अब शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और स्वरोजगार आधारित नई दिशा प्रदान की जा रही है।
Naxal Rehabilitation Program: इसी प्रक्रिया के तहत आज प्रतिभागियों को बीजापुर स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी का विशेष भ्रमण कराया गया। यहां पुस्तक अध्ययन, ज्ञानवर्धक सामग्री, विश्व मानचित्र व अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े विषयों की गहन जानकारी दी गई। प्रतिभागियों ने टेलीस्कोप के माध्यम से चांद, तारे और ग्रहों को प्रत्यक्ष रूप से देखकर विज्ञान की दुनिया को नजदीक से समझा।
यह अनुभव उनके लिए बेहद रोचक और प्रेरणादायक साबित हुआ।पुनर्वास केंद्र के माध्यम से आत्मसमर्पित माओवादियों को ट्रैक्टर चालन, सिलाई, बागवानी, पशुपालन और अन्य तकनीकी व व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि वे भविष्य में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
Naxal Rehabilitation Program: कार्यक्रम के दौरान उप पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार साहू एवं पुनर्वास केंद्र संचालक गौरव पांडे स्वयं मौजूद रहे। उन्होंने प्रतिभागियों से संवाद कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और आश्वासन दिया कि पुनर्वास की दिशा में प्रशासन व पुलिस विभाग आगे भी हर संभव सहायता जारी रखेगा।
इस लाइब्रेरी भ्रमण ने आत्मसमर्पित साथियों के भीतर जिज्ञासा, सकारात्मक सोच और जीवन में आगे बढ़ने का उत्साह पैदा किया। सभी प्रतिभागी बेहद प्रसन्न और प्रेरित नजर आए।बीजापुर प्रशासन का मानना है कि नफरत और हिंसा जीवन नहीं बदलती बल्कि ज्ञान, कौशल और अवसर ही नई दिशा देते हैं।
Naxal Rehabilitation Program: पुलिस अधीक्षक डॉ जीतेन्द्र यादव ने कंहा की यह पुनर्वास प्रयास बीजापुर में शांति, विकास और विश्वास की मजबूत नींव रख रहा है। समाज से भी अपील की गई है कि मुख्यधारा में लौटकर नया जीवन शुरू करने वालों का प्रोत्साहन और सहयोग करें, ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति का मार्ग और अधिक सशक्त हो सके।