Bilaspur High Court Latest News: 21 सालों बाद हाईकोर्ट ने 4 किसानों को किया ‘दोषमुक्त’.. करंट की चपेट में आकर शख्स की मौत से जुड़ा है मामला, पढ़ें

हाईकोर्ट ने माना कि यह दुर्घटना मृतक की अपनी लापरवाही से हुई, और किसानों को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अंततः अदालत ने सभी चार किसानों को बरी कर दिया, जिससे उन्हें 21 साल बाद राहत मिली।

Bilaspur High Court Latest News || Image- High Court Of Chhattisgarh file

HIGHLIGHTS
  • 21 साल पुराने केस में चार किसानों को गैर-इरादतन हत्या के आरोप से बरी किया गया।
  • मृतक शाहजहां पर बिजली पोल चढ़ने का दबाव नहीं था, फैसला मृतक की लापरवाही पर।
  • हाईकोर्ट ने कहा – पेशेवर न होते हुए भी खतरनाक काम करना मृतक की गलती थी।

Bilaspur High Court Latest News: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 21 साल पुराने एक मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए चार किसानों को गैर-इरादतन हत्या (धारा 304A) के आरोप से दोषमुक्त कर दिया है। यह मामला साल 2004 का है, जब थ्रेशर मशीन के लिए बिजली लाइन जोड़ते समय एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई थी।

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घटना सीतापुर थाना क्षेत्र के तेलईधार गांव की है। किसान शमीम खान और उनके तीन साथियों ने गेहूं की फसल की मड़ाई के लिए थ्रेशर मशीन लगवाई थी। इसके लिए उन्होंने गांव के ही शाहजहां नाम के युवक को बिजली पोल से लाइन जोड़ने के लिए बुलाया। शाहजहां बिजली खंभे पर चढ़ा और करंट लगने से नीचे गिर पड़ा। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

Bilaspur High Court Latest News: पुलिस ने किसानों पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया, और अदालत ने उन्हें 6 महीने की सजा और 400 रुपये जुर्माना सुनाया था। इसके खिलाफ किसानों ने पहले सत्र न्यायालय में और फिर हाईकोर्ट में अपील की।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि मृतक शाहजहां पेशेवर इलेक्ट्रीशियन नहीं था और उस पर बिजली पोल पर चढ़ने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं डाला गया था। कोर्ट ने कहा कि वह एक वयस्क और समझदार व्यक्ति था, जिसे यह पता होना चाहिए था कि बिजली के खंभे पर चढ़ना खतरनाक हो सकता है।

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Bilaspur High Court Latest News: हाईकोर्ट ने माना कि यह दुर्घटना मृतक की अपनी लापरवाही से हुई, और किसानों को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अंततः अदालत ने सभी चार किसानों को बरी कर दिया, जिससे उन्हें 21 साल बाद राहत मिली।

1. यह मामला किस वजह से दर्ज किया गया था?

साल 2004 में एक युवक की करंट लगने से मौत के बाद चार किसानों पर धारा 304A (गैर-इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया था।

2. अदालत ने किसानों को बरी क्यों किया?

कोर्ट ने माना कि मृतक शाहजहां न तो प्रोफेशनल इलेक्ट्रीशियन था और न ही किसानों ने उसे जबरन बिजली पोल पर चढ़ाया। दुर्घटना उसकी अपनी लापरवाही से हुई थी।

3. इस फैसले से न्याय प्रणाली को लेकर क्या संकेत मिलते हैं?

यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में देरी को दर्शाता है, लेकिन अंततः निर्दोष किसानों को न्याय मिला।