छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री साय ने मैदानी स्वास्थ्य अमले के लिए 151 नए वाहनों को दिखाई हरी झंडी

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री साय ने मैदानी स्वास्थ्य अमले के लिए 151 नए वाहनों को दिखाई हरी झंडी

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  • Publish Date - July 17, 2025 / 09:26 PM IST,
    Updated On - July 17, 2025 / 09:26 PM IST

रायपुर, 17 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त और सुलभ बनाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बृहस्पतिवार को मैदानी स्वास्थ्य अमले के लिए 151 नए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने आज अपने निवास परिसर से मैदानी स्वास्थ्य अमले के लिए 151 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया।

इस अवसर पर साय ने कहा कि इन वाहनों के माध्यम से बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के सुदूर अंचलों में भी लोगों को समय पर प्रभावी उपचार मिल सकेगा तथा यह ‘स्वस्थ छत्तीसगढ़’ की दिशा में एक सशक्त पहल सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त और सुलभ बनाने की दिशा में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। पुराने, अनुपयोगी हो चुके वाहनों को हटाकर उनकी जगह अत्याधुनिक नए वाहन शामिल किए गए हैं। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन, समयबद्ध निरीक्षण और निगरानी को भी गति प्रदान करेगा।’’

साय ने कहा, ‘‘जिला और विकासखंड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों और मैदानी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे वाहनों से नियमित निरीक्षण, स्वास्थ्य शिविरों की निगरानी, दूरस्थ अंचलों तक त्वरित पहुंच और आपातकालीन परिस्थितियों में समयबद्ध हस्तक्षेप संभव हो सकेगा।’’

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी जिलों को ये वाहन चरणबद्ध रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रथम चरण में बस्तर और सरगुजा संभाग के 12 जिलों को ये वाहन भेजे जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जल्द ही राज्य में 851 नयी एंबुलेंस शुरू की जाएंगी, जिनमें से 375 एंबुलेंस आपातकालीन सेवाओं के लिए, 30 एंबुलेंस ग्रामीण चिकित्सा इकाइयों के लिए तथा 163 ‘मुक्तांजली’ शव वाहन निःशुल्क सेवा के अंतर्गत दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री ‘जन मन योजना’ के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 30 एंबुलेंस की व्यवस्था भी शीघ्र की जाएगी।’’

भाषा संजीव शफीक

शफीक