Vishnu Ka Sushasan:
रायपुरः Vishnu Ka Sushasan: प्रशासनिक स्थिरता, जनकल्याण और सुशासन को अपनी प्राथमिकता में रखने वाली छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने अपने दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन दो वर्षों में साय सरकार की पहचान एक शांत, संतुलित और निर्णयक्षम नेतृत्व के रूप में बनी है। इन दो वर्षों में साय सरकार ने खुद को “गांव, गरीब और आदिवासी” केंद्रित शासन के रूप में स्थापित करने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की राजनीति का आधार जमीन से जुड़ा रहा है और इसका असर शासन की प्राथमिकताओं में भी दिखता है। इन दो वर्षों में साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश में लागू किया है। इन योजनाओं में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शामिल है।
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री मुफ्त सौर ऊर्जा योजना एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सामने आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए लगातार प्रयास कर रही है, ताकि आम नागरिकों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा का लाभ मिल सके। इस योजना का उद्देश्य घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा से जोड़कर बिजली बिल से राहत देना और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां सालभर प्रचुर मात्रा में धूप उपलब्ध रहती है, सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। साय सरकार ने इन संभावनाओं को अवसर में बदलने के लिए नीति स्तर पर ठोस पहल की है।
Vishnu Ka Sushasan: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी “पीएम सूर्य घर योजना” को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आमजनों तक पहुँचाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत उपभोक्ता अपने घर की आवश्यकता अनुसार 01 किलोवाट से 03 किलोवाट तक का सोलर पैनल लगवा सकते हैं। 01 किलोवाट के सोलर पैनल लगवाने पर केंद्र सरकार 30 हजार रूपए, राज्य सरकार 15 हजार रूपए की सहायता देगी, जिससे कुल 45 हजार रूपए की सब्सिडी प्राप्त होगी। 02 किलोवाट के सोलर पैनल पर 90 हजार रूपए एवं 3 किलोवाट के सोलर पैनल 01 लाख 08 हजार की कुल सहायता राशि मिलेगी। इसके साथ ही इच्छुक लाभार्थियों के लिए ईएमआई की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके तहत वे 06 प्रतिशत ब्याज दर पर 10 वर्षों की अवधि में आसान किश्तों में भुगतान कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ग्रामीण अंचलों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में नई राह प्रशस्त कर रही है। इस योजना के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा आधारित रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित कर रहे हैं और इसका लाभ उत्साहपूर्वक प्राप्त कर रहे हैं। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम अर्जुनी निवासी श्री जावेंद्र कुमार सोनी ने अपने मकान की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित कराया है। श्री सोनी ने बताया कि उन्हें इस योजना की जानकारी जिला प्रशासन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से प्राप्त हुई। तत्पश्चात उन्होंने विद्युत विभाग से संपर्क कर सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण की तथा शासन द्वारा निर्धारित सब्सिडी का लाभ उठाया। अब उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है और वे ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम आगे बढ़े हैं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने आम उपभोक्ताओं की जिंदगी बदल दी है। पहले जहां लोग हर महीने भारी-भरकम बिजली बिल भरने को मजबूर थे, वहीं अब वही उपभोक्ता अपनी छत पर सोलर पैनल लगाकर खुद ऊर्जा पैदा कर रहे हैं और उनका बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है। यह योजना न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में देश को मजबूती भी दे रही है। राज्य के उपभोक्ताओं ने इस योजना को अपनाकर सफलता की मिसाल कायम की है। उनका कहना है कि पहले बिजली बिल चुकाने की चिंता रहती थी, लेकिन अब बिजली बिल लगभग खत्म हो जाने से घर का खर्च भी काफी कम हो गया है और वे खुद को “ऊर्जादाता” मानते हैं। अब तक जिन उपभोक्ताओं का औसत मासिक बिजली बिल 1000 रुपये से अधिक आता था, वे अब अपनी छत से ही 25 साल तक मुफ्त बिजली प्राप्त कर सकेंगे। यही कारण है कि हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ लेने वाले उपभोक्ता अब मुफ्त बिजली की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
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