बस्तर में सीएम भूपेश बघेल ने लगाई सौगातों की झड़ी, दी 251 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात

बस्तर में सीएम भूपेश बघेल ने लगाई सौगातों की झड़ी, दी 251 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात! CM Bhupesh Give 251 Crore gift to Bastar District

  •  
  • Publish Date - January 25, 2022 / 11:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

रायपुर: CM Bhupesh Baghel  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर में विकास की सौगातों की झड़ी लगा दी, उन्होंने जहां दंतेवाड़ा के छिंदनार में ब्रिज का लोकार्पण किया वहीं, जगदलपुर के बालीकोंटा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी लोकार्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भी आदिवासी रंग में रंगे नजर आए।

Read More: बजट से पहले बवाल…’अपने’…’पराए’ की सियासत! कैसा होगा मध्यप्रदेश का अगला बजट 2022-23?

CM Bhupesh Baghel  ये तस्वीरें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बस्तर दौरे की हैं। इस दौरान उन्होंने बस्तर संभाग को 251 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री सबसे पहले दंतेवाड़ा पहुंचे जहां उन्होंने छिंदनार में ब्रिज का लोकार्पण किया, उन्होंने ब्रिज पर प्रतीकात्मक विकास का द्वार भी खोला। ब्रिज का नाम पोसेराम कश्यप के नाम पर रखा गया है। पोसेराम पाहुरनार गांव के सरपंच थे, जिनकी पुल की मांग से नाराज नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ये साधारण पुल नहीं है बल्कि दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर जिले को और बस्तर से अबूझमाड़ को जोड़ने वाला पुल है। अबूझमाड़ में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने ब्रिज निर्माण के दौरान शहीद जवानों को भी नमन किया।

Read More: सरकारी स्कूल में कोरोना ब्लास्ट, 23 छात्र मिले संक्रमित, कल भी पांच शिक्षकों की रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव

दंतेवाड़ा में विकास के द्वार खोलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जगदलपुर पहुंचे और बालीकोंटा में 54 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित प्रदेश के पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री धर्मपाल सैनी के हाथों प्लांट का फीता कटवाया। इस दौरान सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का मुआयना कर उन्होंने तकनीकी जानकारी भी ली। सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण अमृत मिशन योजना के तहत किया गया है।

Read More: जिस पुल के लंबे समय से कर रहे थे मांग अब उसी का विरोध कर रहे ग्रामीण, नक्सलियों का दबाव या कुछ और?

दरअसल, जगदलपुर में करीब 180 लाख लीटर प्रदूषित पानी रोजाना दलपत सागर और इंद्रावती नदी में जाकर मिलता है। शहर के इस गंदे पानी को शुद्धिकरण के लिए करीब 10 किलोमीटर लंबी पाईपलाइन के जरिए बालीकोंटा पहुंचाया जा रहा है, जहां निर्मित प्लांट में तीन चरणों में इस पानी के शुद्धिकरण के बाद इसे इंद्रावती नदी में छोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से मिली इस सौगात से निश्चित तौर पर दुर्गम इलाकों में रहने वाले आदिवासियों का जीवन आसान होगा। सरकार की ओर से बुनियादी सुविधाओं को तरसते इस इलाके में लगातार रोजगार सृजन का काम भी किया जा रहा है, ताकि आदिवासी युवा समाज की मुख्यधारा से भटक ना सकें।

Read More: अब इतने यूनिट तक फ्री मिलेगी बिजली, घर पर नहीं आएगा बिल, इस राज्य के मुख्यमंत्री ने की घोषणा