राजेश मिश्रा/रायपुरः बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर को छत्तीसगढ़ प्रवास पर तकरीबन 36 घंटे हए हैं, लेकिन कभी वो कहते हैं कि छत्तीसगढ़ चुनौती ही नहीं है तो कभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को ये मंत्र दे रहे हैं कि चुनाव को युद्ध के रूप में लड़ना है। अब सवाल उठता है कि ओम माथुर जिस छत्तीसगढ़ को चुनौती मानते ही नहीं तो उसके लिए युद्धघोष क्यों करना पड़ा। अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्हे बीजेपी नेताओं को नया मंत्र देना पड़ा।
डी पुरंदेश्वरी की जगह कमान संभालने के बाद पहली बार प्रदेश दौरे पर आए ओम माथुर ने बीजेपी कार्यकर्ताओँ को साफ-साफ कहा कि मुझे कान भी खींचना होगा तो भी खींचूंगा। साथ ही नसीहत दी कि चुनाव जीतना है तो राहुल और कांग्रेस को भूल जाइए, सिर्फ भूपेश बघेल को टारगेट कीजिए।
छत्तीसगढ़ को चुनौती नहीं बताने वाले ओम माथुर ने पार्टी नेताओं को मिशन 23 का चुनाव जीतने के लिए सीएम को टारगेट करने कहा तो भूपेश बघेल ने पलटवार किया कि ओम माथुर कन्फ्यूज हो गए हैं। इसलिए रोज-रोज बयान बदल रहे हैं। ओम माथुर के कान खींचने वाली बात पर भी सीएम ने तंज कसा।
अपने पहले ही प्रवास में जिस अंदाज में बीजेपी नए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कार्यकर्ताओँ की क्लास ली है। वो जरूरी भी लगता है और लाजिमी भी लेकिन यहां सबसे अहम सवाल यही है कि वाकई भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ चुनावी चुनौती है कि नहीं? क्या वाकई भाजपा प्रभारी यहां किसी कन्फ्यूजन में हैं?
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2 hours ago