Chhattisgarh Ki Baat छत्तीसगढ़ में जिस रफ्तार से नक्सलियों के खिलाफ एंटी नक्सल ऑपरेशन्स जारी हैं, जिस तादाद में नक्सली ढेर हो रहे हैं, जिस अंदाज में नक्सलियों के गढ़ ध्वस्त हो रहे हैं, उससे अगले साल तक नकस्लियों के पूर्ण सफाए का संकल्प पूरा होना तय लगने लगा है। बीजेपी बार-बार पूरी रफ्तार से एंटी नक्सल अभियान में सफलाओं को अंडरलाइन कर इसका श्रेय डबल इंजन सरकार को दे रही है तो अब कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को खनिज संपदा की लूट के आरोप में घेरने रणनीति बना ली है। पीसीसी चीफ दीपक बैज अगले महीने राहुल गांधी को बस्तर बुलाने की तैयारी में है। सवाल ये है कि क्या कांग्रेस नक्सलवाद के खात्मे का श्रेय बीजेपी को मिलने की बात से परेशान है? क्या बीजेपी को श्रेय मिलने के तोड़ के तौर पर कांग्रेस बड़ा आंदोलन खड़ा करने के तैयारी में है?
Chhattisgarh Ki Baat अकेले मई महीने में ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के तहत पहले कर्रेगुट्टा में 31 नक्सली ढेर किए, अब नारायणपुर में 27 नक्सलियों का सफाया किया, वो भी सघन जंगल के भीतर नक्सलियों की मांद में घुसकर, ऑपरेशन चैलेंजिंग थे और सफलता काफी बड़ी सो कल देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने इस बारे में X-पोस्ट कर सुरक्षा बलों की तारीफ की तो आज साय सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन की कामयाबी साझा की।
एक तरफ बीजेपी मार्च 2026 तक नक्सलियों के पूर्ण सफाए का संकल्प दोहरा कर नक्सल सफाए के मोर्चे पर सफलताओं का श्रेय अपनी डबल इंजर सरकार के फोकस्ड प्रयासों को दे रही है। दो दूसरी ओर कांग्रेस अब बस्तर में शांति के बाद सरकार की मंशा को कठघरे में लाने की तैयारी में है। पूर्व मंत्री शिव डहरिया का सीधा आरोप है कि बीजेपी सरकार की नजर बस्तर के संसाधनों की लूट पर है। बैलाडीला जैसे खनिज क्षेत्रों में लीज पर खदानों को देने पर है। इधर, बीजेपी कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर कांग्रेस की कवायद को बेवजह और बेकार का बता रही है।
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीचे, राहुल गाधी PCC चीफ दीपक बैज के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जता चुके हैं जिसके बाद बैज साय सरकार के खिलाफ आक्रमक मूड में है। बैज, बैलाडीला पहाड़ बचाओ यात्रा कर रहे हैं। दावा है कि यात्रा के बाद दीपक बैज दिल्ली में राहुल गांधी को साय सरकार के खिलाफ यात्राओं का डीटेल देकर बस्तर आने आमंत्रित करेंगे। राहुल गांधी अगले महीने बस्तर आ सकते हैं। साफ है कि कांग्रेस राहुल की मौजूदगी बस्तर में शांति के बाद बीजेपी पर खनिज संपदा के निजीकरण और उद्योगपतियों को इसे लीज पर सौंपने बड़े आंदोलन की तैयारी में है। सवाल ये है कि क्या कांग्रेस के तेवर और तैयारी नक्सलवाद के खात्मे का श्रेय बीजेपी को जाने के तोड़ के तौर पर है?