Chhattisgarh Millet Mission
रायपुर : Chhattisgarh Millet Mission : छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों (कोदो-कुटकी, रागी) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संचालित छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की सराहना अन्तर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान मनीला की उप महानिदेशक (फसल) तथा प्रख्यात कृषि एवं पोषण विशेषज्ञ जोआना केन पोटाका ने की है।
Chhattisgarh Millet Mission : जोआना केन पोटाका ने छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत लघु धान्य फसलों के बीज उत्पादन कार्यक्रम तथा किसानों तक बीज वितरण प्रणाली, कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता के द्वारा मिलेट प्रोसेसिंग केन्द्रों की स्थापना, राज्य सरकार द्वारा किसानों से कोदो, कुटकी, रागी आदि लघु धान्य फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में पौष्टिकता के मद्देनजर लघु धान्य फसलों का समावेश तथा महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न जिलों में मिलेट कैफे की स्थापना एवं संचालन की तारीफ की है। जोआना केन पोटाका ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के साथ साउथ अफ्रीकन देश घाना में विगत दिनों आयोजित ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय हाई इम्पैक्ट राईस ब्रीडिंग कार्यशाला’’ के दौरान हुई मुलाकात का फोटो शेयर करते हुए इस बारे में ट्वीट किया है। गौरतलब है कि जोआना केन पोटाका स्मार्ट फूड कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक भी हैं।
Chhattisgarh Millet Mission : उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल विगत दिनों घाना के कुमासी शहर में आयोजित ‘‘धान प्रजनन कार्यक्रम के आधुनिकीकरण’’ पर आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञ के रूप में सम्मिलित हुए थे। डॉ. चंदेल ने वहां छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में संचालित छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत लघु धान्य फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे कार्यों एवं गतिविधियों की जानकारी दी थी।
Chhattisgarh Millet Mission : डॉ. चंदेल ने मिलेट मिशन के तहत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में लघु धान्य फसलों पर किये जा रहे अनुसंधान कार्य तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से स्थापित मिलेट प्रोसेसिंग सेन्टर तथा मिलेट कैफे के बारे में भी जानकारी दी थी। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न देशों से आए कृषि वैज्ञानिकों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में धान प्रजनन कार्यक्रम के आधुनिकीकरण की दिशा में किये जा रहे अनुसंधान कार्यों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में शामिल धान प्रजनन के क्षेत्र में शोध कर रही एक शोधार्थी ने डॉ. चंदेल से संपर्क कर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में धान प्रजनन में शोध करने में रूचि व्यक्त की।