Children carrying the burden of bags due to the arbitrariness of private school operators
Children carrying heavy bags due to the arbitrariness of private schools: धमतरी। सरकार ने स्कूली बच्चो के कंधों से बस्ते का बोझ कम करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी निजी स्कूल संचालको की मनमानी के चलते बच्चे बस्ते का भारी बोझ लेकर स्कूल पहुंच रहे हैं। इसका असर बच्चों के कमर और कंधो पर पढ़ सकता है, वहीं बस्ते का बोझ कम करने धमतरी में शिक्षा विभाग द्वारा भी कोई पहल नहीं किया जा रहा है, जिसका असर स्कूली बच्चों के सेहत पर पड़ सकता है।
दरअसल, सरकार ने सभी स्कूलों में एनसीआरटी की पुस्तके लागू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जिले में प्राईवेट स्कूल संचालक निजी पाठ्यक्रम की पुस्तके चला रहे हैं। ऐसे में बच्चो को अतिरिक्त पुस्तके लाद कर ले जाना पड़ता है। पालको का कहना है कि बस्ते की भारी बोझ के चलते बच्चे काफी थक जाते हैं, वहीं एक पालक ने बताया कि स्कूली बच्चों के बस्ते की बोझ को जानने के लिए शिक्षा विभाग में आरटीआई लगाया था, लेकिन विभाग व्दारा संतोषजनक जवाब नही दिया गया।
बस्ते की भारी बोझ से बच्चे परेशान हो गए है, जिसके चलते पालक बस्ते की बोझ कम करने की मांग कर रहे है। डाॅक्टरो का कहना है कि बस्ते की भारी बोझ के कारण से बच्चों का ठीक ढंग से विकास नहीं हो पा रहा है। बताया की बोझ के कारण से रीड की हड्डी पर प्रभाव डालता है। यही नहीं बस्ते की बोझ के कारण से बच्चो में स्प्रेन मोच की शिकायत आ रही है। साथ ही डिस्क की हड्डी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। बहरहाल शिक्षा विभाग का कहना है कि शासन के निर्देश के बाद बस्ते का वजन कम करने कार्रवाई की जायेगी। IBC24 से देवेंद्र कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
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