गोबर, ज्ञान.. बयान। छत्तीसगढ़ में बारदाना और गोबर पर जारी है सियासत

Dung, knowledge..statement Political turmoil in Chhattisgarh. Opposition's attack

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  • Publish Date - November 24, 2021 / 10:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

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रायपुरः बारदाना और गोबर को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरम है..जनता से सीधे-सीधे जुड़े इन दोनों मुद्दों को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार को घेरने की कोशिश की तो सीएम भूपेश बघेल ने भी दोनों को तीखा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने साय के बयान पर ये तक कह दिया कि उनके दिमाग में ही गोबर भरा हुआ है क्या कहें। वहीं बारदाने पर कौशिक के बयान को अल्पज्ञान करार दिया।

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भूपेश सरकार ने पिछले चार दिन के भीतर दो अहम फैसले लिये। पहली तस्वीर रविवार की है। जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की तकनीकी हस्तांतरण के लिए MoU हुआ। जबकि दूसरी तस्वीर सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक की है, जहां 1 दिसंबर से धान खरीदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके अलावा सीएम ने बारदाने की कमी को लेकर ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है, लेकिन विपक्ष ने बारदाने की कमी और गोबर खरीदी को लेकर सरकार पर कई आरोप लगाए।

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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने जहां सरकार पर गोबर घोटाला करने का आरोप लगाया तो वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि बारदाने का व्यवस्था करना केंद्र नहीं राज्य का काम है। बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं ने हमला किया तो जवाब देने खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा संभाला और तीखा पलटवार करते हुए कहा कि उनके दिमाग में ही गोबर भरा है तो क्या कहें। सीएम ने नेता प्रतिपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री के तीखे पलटवार से प्रदेश की सियासत गरमा गई। जुबानी जंग भी तेज हो गया। भूपेश बघेल के बयान पर बीजेपी नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। इस तरह का बयान देना उनको शोभा नहीं देता।

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छत्तीसगढ़ की सियासत में धान हमेशा से हॉट टॉपिक रहा है और शायद सत्ता हासिल करने का सबसे बड़ा जरिया। यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस हमेशा से धान के मुद्दे पर पीछे नहीं हटती। बहरहाल विष्णुदेव साय और धरमलाल कौशिक पर सीएम भूपेश बघेल की टिप्पणी को बीजेपी मुद्दा बनाने में जुट गई है। बहरहाल धान के कटोरे में बारदाना संकट और गोबर खरीदी के बहाने चढ़ा सियासी पारा जल्द नीचे आएगा। लगता नहीं है।