Baby Swap In Durg: छत्तीसगढ़ के इस अस्पताल में बच्चों की अदला-बदली, नवजातों को असली माताओं तक पहुंचाने करनी पड़ी ये मशक्कत, जानिए पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के इस अस्पताल में हो गई बच्चों की अदला-बदली...Baby Swap In Durg: Children were swapped in this hospital of Chhattisgarh

  • Reported By: Akash Rao

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  • Publish Date - February 9, 2025 / 08:58 AM IST,
    Updated On - February 9, 2025 / 09:25 AM IST

Baby Swap In Durg: IBC24

HIGHLIGHTS
  • दुर्ग जिला अस्पताल में बच्चा अदला बदली का मामला
  • DNA टेस्ट से सुलझी गुत्थी
  • वास्तविक माता-पिता को सौंप गए बच्चे

दुर्ग : Baby Swap In Durg : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला चिकित्सालय में नवजात शिशुओं की अदला-बदली का चौंकाने वाला मामला सामने आया था। आखिरकार, इस संवेदनशील प्रकरण में DNA रिपोर्ट आने के बाद बच्चों को उनकी असली माताओं को सौंप दिया गया। 23 जनवरी को दुर्ग जिला अस्पताल में दो गर्भवती महिलाएं शबाना और साधना ने दो स्वस्थ लड़कों को जन्म दिया। अस्पताल में बच्चों के हाथों में उनकी माताओं के नाम के टैग लगाए गए थे, लेकिन अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण दोनों नवजातों की अदला-बदली हो गई।

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कैसे हुआ मामला उजागर?

Baby Swap In Durg : शबाना के परिवार को जब इस गड़बड़ी का एहसास हुआ, तो वे तुरंत बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों को इस बारे में जानकारी दी। जब साधना को अपने बच्चे को सौंपने के लिए कहा गया, तो उसने इसे मानने से इनकार कर दिया और दावा किया कि बच्चा उसी का है। इससे मामला और पेचीदा हो गया, जिसके बाद शबाना का परिवार DNA टेस्ट की मांग करने लगा।

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तेजी से हुई जांच, DNA रिपोर्ट ने सच्चाई सामने लाई

Baby Swap In Durg : दुर्ग कलेक्टर और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के निर्देश पर तीन दिन पहले DNA टेस्ट करवाया गया। आज उसकी रिपोर्ट आई, जिसमें शबाना और साधना को उनके जैविक शिशुओं की पहचान करवाई गई और नवजातों को सही मांओं को सौंप दिया गया। DNA रिपोर्ट सामने आने के बाद दोनों परिवारों ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि “हमें हमारा अपना बच्चा मिल गया, यही हमारी सबसे बड़ी खुशी है।” वहीं, अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठे हैं। अधिकारियों ने कहा कि “यह एक बड़ी लापरवाही है, और इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

 

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दुर्ग जिला अस्पताल में नवजात शिशुओं की अदला-बदली कैसे हुई?

अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण नवजातों के हाथों में लगे मां के नाम के टैग गलत तरीके से बदल गए, जिससे यह गड़बड़ी हुई।

नवजात शिशुओं की अदला-बदली का मामला कैसे उजागर हुआ?

शबाना के परिवार ने बच्चे के हाथ में लगे टैग को देखकर शक जाहिर किया और अस्पताल में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद मामला सामने आया।

नवजात शिशुओं की अदला-बदली की पुष्टि कैसे हुई?

DNA टेस्ट के माध्यम से यह पुष्टि की गई कि शबाना और साधना को उनके असली बच्चे नहीं मिले थे। रिपोर्ट आने के बाद बच्चों को सही माताओं को सौंप दिया गया।

इस लापरवाही के लिए अस्पताल प्रशासन पर क्या कार्रवाई होगी?

दुर्ग प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है और दोषी अस्पताल स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

DNA टेस्ट करवाने में कितने दिन लगे?

DNA टेस्ट की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया गया और तीन दिनों में रिपोर्ट उपलब्ध करवाई गई, जिससे सही माता-पिता की पहचान हो सकी।