Reported By: Komal Dhanesar
,Bhilai School Board Scam / Image Source: IBC24
Bhilai School Board Scam: भिलाई: भिलाई से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है जिसके कारण शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला। भिलाई से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है जिसके कारण शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
दरअसल भिलाई शहर के हाउसिंग बोर्ड स्थित भिलाई नायर समाजम इंग्लिश मीडियम स्कूल पालकों को गुमराह कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। आठवी तक की इस स्कूल में अब आधा सत्र बीत जाने के बाद स्कूल प्रबंधन सीजी बोर्ड की हिन्दी मीडियम किताबों से पढ़ने को बोल रहा है। यहां परिजनों का आरोप है कि स्कूल में उनके बच्चों को सीबीएसई बोर्ड की स्कूल कहकर एडमिशन दिया गया। किताबें भी एनसीआरटी और सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम की खरीदने को कहा और अब आठवीं में इस वर्ष जब सीजी बोर्ड में बोर्ड एग्जाम होंगे तो बीच सेशन में सरकारी फ्री किताबें बांटकर बच्चों को हिन्दी मीडियम की किताबें पढ़ने मजबूर किया जा रहा है।
इसके साथ ही पूरे स्कूल में प्रबंधन ने कही भी न तो सीबीएसई बोर्ड का एफिलेशन नंबर लिखा ना ही सीजीबोर्ड का एफिलेशन नंबर दर्शाया ताकि पैरेंट्स कन्फ्यूज रहें। पैरेंट्स का कहना है कि जब इस वर्ष से सीजी बोर्ड ने आठवीं बोर्ड के एग्जाम लेने का निर्णय लिया है तब पोल खुलने की डर से स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को किताबें बांटी और अब छात्रों को इसी से आगे पढ़ने को कह रहा है।
इस स्कूल के बच्चों का कहना है कि अब तक वे सीबीएसई पैर्टन में पढ़ाई कर रहे थे और अब उन्हें अचानक सीजी बोर्ड की किताबें थमा दी गई। जिसके बाद अब उन्हें कुछ भी नहीं समझ आ रहा है। इधर स्कूल मैनेजमेंट से कोई भी बात करने को तैयार नहीं है। स्कूल की एडमिनिस्ट्रेट और प्रिंसिपल का कहना है कि उन्हें मैनेजमेंट से जो कहा जाता है वे वैसा ही करते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया कि सरकारी किताब देरी से मिलने की वजह से उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों से बच्चों को पढ़ाया क्योंकि दोनों के कोर्स में ज्यादा फर्क नहीं होता। वही भिलाई नायर समाजम के अध्यक्ष सुरेश पिल्लई भी रटा रटाया जवाब देते रहे और सीबीएसई और सीजी बोर्ड के कोर्स को सेम बताते रहे।
कुछ माता‑पिता का दावा है कि उनके बच्चों को एक ‘इंग्लिश‑मीडियम’ स्कूल में प्रवेश दिलवाया गया था लेकिन आधे सत्र बाद ही उन्हें अचानक सीजी बोर्ड की हिंदी‑माध्यम की किताबें सौंपी जा रही हैं।
इधर पैरेट्स का कहना है कि वो आवाज उठाते हैं तो उनके बच्चों को फेल करने की धमकी दी जाती है। इनमें से एक पैरेंट्स ने इसकी लिखित शिकायत प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के पोर्टल, एडू पोर्टल सहित दुर्ग कलेक्टर को भी मेल किया है। फिलहाल पैरेंट्स अब इसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में भी करने का मन बना रहे हैं।