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रायपुरः CG News : बिहार के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी चुनाव आयोग SIR की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची में सटीक बनाए रखना है। ताकि कोई भी पात्र वोटर छूट न पाए और कोई अपात्र वोटर जुड़ न सके, लेकिन अब बिहार के बाद छत्तीसगढ़ में भी इसे लेकर सियासत शुरू हो चुकी है। बीजेपी ने इस फैसले का स्वागत किया है तो कांग्रेस ने चुनाव आयोग की नीयत पर सवाल उठाए हैं। आखिर कांग्रेस के विरोध की वजह क्या है? बीजेपी के समर्थन वाले तर्क के पीछे का आधार क्या है?
CG News : बिहार के बाद छत्तीसगढ़ में भी वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। SIR की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इस पर सियासी संग्राम तेज हो गया है। बीजेपी ने निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया है और इसे अच्छा कदम बताया है। फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर BJP के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया है।
उधर, SIR के लिए राज्य निर्वाचन आय़ोग ने ट्रेनिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो 3 नवंबर तक चलेगी। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक BLO घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक आपत्ति ली जाएगी और 7 फरवरी को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। हालांकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव काफी दूर है, लेकिन इसे निर्वाचन आयोग की चुनाव पूर्व तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि विपक्ष सरकार पर वोट चोरी के आरोप लगाता रहा है।