अशफाक अहमद की रिपोर्ट…
नारायणपुर : Narayanpur Farmer Suicide Case : जिले के ग्राम कुकड़झोर से एक दुखद खबर निकल कर सामने आई है। यहां कर्ज माफी का इंतजार कर रहे एक किसान ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है किसान की फसल की पैदावार इस वर्ष अच्छी नहीं हुई है ने बैंक द्वारा जारी कर्ज पटाने की नोटिस मिलने के बाद उसने आत्महत्या कर ली है।
इस घटना के बाद जिले के सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया। खुद कलेक्टर अजीत वसंत ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए। वहीं मामले पर सहकारी बैंक के अधिकारी ने मृत किसान के नाम से किसी भी प्रकार का कर्ज नहीं होने की बात कही और नोटिस के संदर्भ में बताते हुए बैंक के अधिकारी ने बताया नोटिस संबंधित किसान के सास के नाम पर था। जो सभी कर्जदार किसान को धान खरीदी से पूर्व दी जाती है।
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Narayanpur Farmer Suicide Case : दरअसल पूरा मामला नारायणपुर जिले के कुकड़ाझोर थाना क्षेत्र अंतर्गत का है।यहां के रहने वाले किसान हिरूराम अपने ससुराल में निवासरत था और अपने सास के नाम की जमीन में खेती किसानी कर अपना जीवन निर्वाह करता था। किसान ने इस वर्ष खेती करने के लिए सहकारी बैंक से 1 लाख 12 हजार का कर्ज लिया था, लेकिन इस वर्ष मौसम की मार के चलते फसल की पैदावार कम हो गई। किसान के परिजनों के द्वारा दी गई जानकारी अनुसार किसान को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनने से उम्मीद थी ताकि उसका कर्ज माफ हो सके लेकिन सभी राजनीतिक भविष्यवाणी को छकाते हुए राज्य में भाजपा सत्ता में काबिज हो गई। तब से ही किसान गुमसुम और खोया हुआ सा रहने लगा था।
वहीं फसल के लिए बैंक से लिए गए कर्ज का नोटिस मिलने के बाद किसान और भी चिंता में डूब गया। 13 दिसंबर को खेत में फसल की मिजाई का कार्य करने के बाद परिजन घर आ गए थे किसान खेत में ही था। किसान के पुत्र ने जब अपने पिता को भोजन के लिए बुलाने खेत में गया तो देखा कि पिता को उल्टी हो रही है। इसे देख तुरंत घर ले गया जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया। जहां देर रात किसान की मौत हो गई। किसान अपनी सास सोमारी के खेत में कार्य करके अपने परिवार और सास का भरण पोषण करता था।
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Narayanpur Farmer Suicide Case : अब परिवार का भरण पोषण करने के साथ ही कर्ज पटाने की समस्या मृतक किसान के पुत्र के सामने है पुत्र शासन से मदद की गुहार लगा रहा है। वहीं पूरे मामले पर कलेक्टर अजीत वसंत झा ने बताया कि मृतक किसान के नाम से बैंक में कोई कर्ज नही था। मृतक किसान के सास सोमारी के नाम पर 1 लाख 24 हजार का कर्ज था। नोटिस भेजना एक प्रक्रिया है जो सभी किसानों को भेजा जाता है। सोमारी बाई के खेत की फसल का बीमा भी कराया गया था।