CG News: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में नेचर हीलिंग कैंप, मलेशिया सहित विभिन्न राज्यों से आए मेहमान भी हुए स्थानीय संस्कृति के रंग में रंगे

CG News: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में नेचर हीलिंग कैंप, मलेशिया सहित विभिन्न राज्यों से आए मेहमान भी हुए स्थानीय संस्कृति के रंग में रंगे

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  • Publish Date - August 10, 2025 / 02:21 PM IST,
    Updated On - August 10, 2025 / 02:21 PM IST

CG News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में दो दिवसीय नेचर हीलिंग कैंप,
  • मलेशिया सहित विभिन्न राज्यों से प्रतिभागियों की भागीदारी,
  • स्थानीय संस्कृति ने किया सभी को मंत्रमुग्ध,

गौरेला पेंड्रा मरवाही/रायपुर: CG News:  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को पर्यटन के नजरिए से बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले को स्थानीय प्रशासन और पर्यटन समितियों की मेहनत से पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान लगातार बढ़ रही है। बनमनई इको फाउंडेशन और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय नेचर हीलिंग कैंप में मलेशिया सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने बड़े ही उत्साह से भाग लिया। मलेशिया से चार विदेशी मेहमान इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। इनके साथ ही बिहार से फिल्म निर्माता आर्यन चंद्रप्रकाश, वरिष्ठ पत्रकार विभाष झा, डॉ अरविंद गुप्ता बंगलौर, ए के सिंह (सेवानिवृत्त प्रबंधक, कोल इंडिया), इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय और अमलाई के शोधार्थी सहित 20 अन्य प्रतिभागी कैंप में शामिल हुए।

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CG News:  कार्यक्रम में पर्यावरणविद् संजय पयासी ने जिले के दो प्रमुख जलप्रपात लक्ष्मणधारा और झोझा जल प्राप्त की ट्रैकिंग कराई। मलेशियाई मेहमानों का पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन पहुंचे पर आत्मीय स्वागत किया गया। स्थानीय लोग उत्साह से भर उठे। सभी ने उनके साथ फोटो खिंचवाई। स्थानीय लोगों के इस उत्साह से विदेशी अतिथि अत्यंत प्रसन्न और प्रभावित हुए। उन्हें पेंड्रा की हरी सब्जियां, चरवाहों की बाँस की टोपी, और लक्ष्मणधारा की ऑफ-रोड राइडिंग ने उन्हें एक अनोखा अनुभव दिया।

लक्ष्मणधारा पर्यटन समिति द्वारा परोसे गए पकौड़े और लेमन जिंजर चाय का उन्होंने भरपूर आनंद लिया। इतने सुदूर क्षेत्र में भी पर्यटन समिति के उत्कृष्ट प्रबंधन ने सभी पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर दिया। अरपा नदी पर स्थित लक्ष्मणधारा जलप्रपात अपने पूरे शबाब पर था। पानी की उड़ती बूंदों में छनकर आती सूर्य किरणें सुंदर इंद्रधनुष रच रही थीं। यही पर्यटन का आकर्षण है, जहां अलग-अलग भाषा, देश, परिवेश और संस्कृति के लोग अपने-अपने रंग लिए मिलते हैं।

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CG News:  शाम को पर्यटक लमना होमस्टे पहुंचे, जहां ग्रामीण महिलाओं ने तिलक लगाकर पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया। गांव वालों का प्रेम और सम्मान “अतिथि देवो भव” की परंपरा को सजीव कर रहा था। रात्रि में प्रस्तुत गौरा-गौरी का स्थानीय लोकनृत्य सभी को थिरकने पर मजबूर कर गया। लोक नृत्य और गायन, जो ग्रामीणों के पारंपरिक मनोरंजन के साधन हैं, ने अपनी अभिव्यक्ति से ऐसा अद्भुत दृश्य रचा जो स्थानीय सीमा से निकलकर वैश्विक हो गया। यही सांस्कृतिक आदान-प्रदान लमना गांव के सामुदायिक पर्यटन का आदर्श मॉडल है, जो न केवल आर्थिक रूप से ग्रामीणों को सशक्त कर रहा है, बल्कि सांस्कृतिक और बौद्धिक दृष्टि से भी उन्हें समृद्ध बना रहा है।

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CG News:  शिविर के दूसरे दिन सुबह मलेशिया से आई पर्यटक एलिस ने ग्रामीण महिलाओं के सहयोग से बड़ी दिलचस्पी के साथ नाश्ता तैयार किया। ग्रामीणजन उनकी भाषा नहीं समझते थे लेकिन प्रेम और सहयोग के लिए भाषा बाधा नहीं बनी। ग्रामीण महिलाएं अपने गांव से बाहर निकले बिना ही दूसरे देश की संस्कृति और खानपान से परिचित हुई। पर्यटकों ने झोझा जलप्रपात की ट्रैकिंग की, यहां लगभग 350 फीट नीचे गिरता प्राकृतिक जलप्रपात अत्यंत ही सुंदर और दुर्गम है। जिला प्रशासन ने यहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का निर्माण कराया है, जिससे रास्ता आसान हो गया। यह निर्माण शासन की प्रतिबद्धता उत्कृष्ट उदाहरण है, जो इस क्षेत्र के पर्यटन को और सुलभ बनाता है।

"गौरेला पेंड्रा मरवाही पर्यटन" को बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है?

"गौरेला पेंड्रा मरवाही पर्यटन" क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि से भरपूर है। इसे एक नए पर्यटन हब के रूप में विकसित कर ग्रामीणों को रोजगार और सांस्कृतिक पहचान देने की दिशा में काम किया जा रहा है।

"नेचर हीलिंग कैंप" का उद्देश्य क्या है?

"नेचर हीलिंग कैंप" का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, ट्रैकिंग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है ताकि स्थानीय लोगों की भागीदारी से सतत विकास हो सके।

"लक्ष्मणधारा जलप्रपात" और "झोझा जलप्रपात" क्यों प्रसिद्ध हैं?

"लक्ष्मणधारा जलप्रपात" और "झोझा जलप्रपात" अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ट्रैकिंग स्पॉट और स्थानीय संस्कृति के साथ मेलजोल के कारण पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं।

"लमना गांव सामुदायिक पर्यटन" क्या है?

"लमना गांव सामुदायिक पर्यटन" एक मॉडल है जिसमें ग्रामीण महिलाएं और स्थानीय लोग पर्यटन गतिविधियों में भाग लेकर ना केवल आजीविका कमा रहे हैं बल्कि संस्कृति और परंपराओं को जीवित भी रख रहे हैं।

क्या "मलेशिया से विदेशी मेहमान" हर साल आते हैं?

"मलेशिया से विदेशी मेहमान" इस बार विशेष आमंत्रण पर आए थे। यदि यह मॉडल सफल होता है तो आगे चलकर इसे वार्षिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन कार्यक्रम का स्वरूप दिया जा सकता है।