Ration beneficiaries upset after getting plastic rice in ration shop
Ration card holder careful: पेंड्रा। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ दिनों से राशन दुकान में मिलने वाले चावल को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि चावल को जैसे ही पानी में डाला जाता है, वो पानी के ऊपर तैरने लगते हैं, जबकि चावल को पानी के अंदर रहना चाहिए।
मरवाही के बंशीताल गांव में मोहलाप गंधर्व बताते हैं की उन्होंने गुल्लीडांड़ राशन दुकान से चावल लाया था। उनकी शिकायत है कि राशन दुकान से मिला चावल प्लास्टिक का है। चावल को पानी में भिगोने के साथ ही वो फूल कर बड़ी हो जा रही और कुछ समय बाद बिना पकाए ही पके चावल के जैसे गल जा रहा है। इस बात को लेकर लोगों के मन में डर का माहौल बना हुआ है, कि इस चावल को खाने के बाद तबीयत पर इसका बुरा असर ना पड़ जाए।
ग्रामीणों ने इसमें मिलरों का दोष होना बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि हम सरकार को अच्छे क्वालिटी का धान बेचते हैं। बदले में मिलर उन धानों को मिल ले जाकर राशन दुकानों में मिलावटी चावल भेज रहे हैं और इस दफे राशन दुकानों से मिलने वाले चावल में प्लास्टिक जैसा चावल दिया जा रहा। खाद्य विभाग को सैंपल ले जाकर इसकी जांच करनी चाहिये।
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