Reported By: Sharad Agrawal
,पेंड्रा।Pendra News: बीते दिनों मिचौंग तूफान के कारण तेलंगाना, आंध्रप्रदेश सहित छत्तीसगढ़ में भी लगातार बारिश हो रही थी। इस चक्रवाती तूफान के चलते गौरेला पेंड्रा मरवाही क्षेत्र में तीन दिनों तक हुई बारिश का असर अब दिखने लगा है। क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है जिसका असर आम जन-जीवन में देखने को मिल रहा है। ठंड से लोग अस्त-व्यस्त हो गए हैं और किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। बारिश के कारण किसानों को धान की कटाई व मंजाई में परेशानी उठानी पड़ रही है। बेमौसम बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है। वहीं किसानों के खेतों में नमी आ जाने और पानी भर जाने से परेशानियां बढ़ गई है। खेत खलिहान में रखे धान की फसल को बारिश के कारण नुकसान होने लगा है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के सीमांत गांव आमगांव में भी काफी नुकसान हुआ है। चूंकि यहां के लोगों का मुख्य काम खेती किसानी ही है और खेती पर ही लोग निर्भर रहते हैं पर जिस तरह से बेमौसम बरसात हुई और किसानों की फसल बर्बाद हुई है तो अब किसानों को डर सताने लगा है कि उनका आगे जीवन गुजारा कैसे होगा। इस क्षेत्र के ज्यादातर लोग एकल फसल करते हैं और इनकी आय मुख्य रूप से धान की खेती से ही अर्जित होती है और इसी पर ही निर्भर रहते हैं।
Pendra News: वहीं बता दें कि किसानों की ज्यादातर फसल खराब हो चुकी है और अब इन लोगों को डर सताने लगा है कि साल भर किस तरह से इनका गुजारा होगा और किस तरह से अपने परिवार का जीवन यापन करेंगे। वहीं यह किसान अपनी भीग चुकी फसलों को पानी से निकालकर खेतों की मेड़ों में धूप से सुखाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि किसी तरह बेमौसम हुई बरसात के नुकसान को कम किया जा सकेॆ। वहीॆ इन किसानों की मांग है कि आने वाली नई सरकार में बेमौसम बारिश में प्राकृतिक रूप से हुए नुकसान का मुआवजा मिलने की पहल भी जल्द शुरू हो।