रायपुर। CG Ki Baat विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान अब किसी भी वक्त हो सकता है। मिशन 2023 के लिए पक्ष-विपक्ष दोनों खेमों की तैयारी बताती है कि मुकाबला कड़ा और दिलचस्प होगा। 15 साल बाद विपक्ष में बैठी बीजेपी ने जमीन पर अपनी चुनावी तैयारी पुख्ता करने के लिए, बस्तर-सरगुजा से परिवर्तन यात्रा की शुरूआत की। सभी यात्राएं तय शेड्यूल के मुताबिक राजधानी रायपुर तक पहुंच रही हैं। यात्रा के बाद बीजेपी का दावा है कि जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है, जबकि सत्ता पक्ष का दावा है कि जनता ने इस परिवर्तन यात्रा को पूरी तरह से नकार दिया है। अब सवाल ये कि क्या प्रदेश की आमजनता परिवर्तन यात्रा से जुड़ पाई। इस यात्रा के बाद क्या कांग्रेस के लिए चुनावी चुनौती बढ़ी है
CG Ki Baat साल 2018 विधानसभा चुनाव में महज 15 सीटों पर सिमटी भाजपा ने, सत्ता परिवर्तन के मकसद से प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाली, जो अब समापन की ओर है।बस्तर-सरगुजा समेत चारों दिशाओं से परिवर्तन रथों पर सवार होकर, बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ माहौल बनाने जमकर पसीना बहाया। अब सभी परिवर्तन यात्राएं रायपुर पहुंच रही हैं। पहली परिवर्तन यात्रा पहुंची महासमुंद के रास्ते रायपुर पहुंची, यात्रा के साथ केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ मुंजापारा महेन्द्र भाई मौजूद रहे। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल की अगुआई में दूसरी परिवर्तन यात्रा लोरमी-मुंगेली होते हुए रायपुर पहुंची। इधऱ,सिमगा में यात्रा पर बुलडोजर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। यात्रा के साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कृष्णराव कराड़,प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और सांसद सुनील सोनी मौजूद रहे।
इधर, कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा को फ्लॉप शो बताया, कांग्रेस ने विपक्ष से पूछा की देश के दर्जन भर से ज्यादा केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के बावजूद प्रदेशवासियों को यात्रा से क्या मिला। सत्तापक्ष के नेता कहते हैं कि यात्रा को जनता भी नकार चुकी है, इसे भांपकर अमित शाह भी इसमें शामिल नहीं हुए।
वीओ-03 वैसे भाजपा ने यात्रा को भव्य बनाने पूरा प्रयास किया रायपुर प्रवेश के बाद यात्रा चारों विधानसभाओं से गुजरी 70 से अधिक स्थानों पर स्वागत मंच सजे, आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री और नेता यात्रा में शामिल होने रायपुर पहुंचे। स्वागत सभाओं और रैली के दौरान नेताओँ ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार, अधूरे वायदों और माफियाराज के नाम पर जमकर घेरा। कांग्रेस भले ही इसे फ्लॉप शो मानती है लेकिन इस यात्रा के बाद भाजपा आत्मविश्वास के दावा करती है कि चुनावी मैदान में मुकाबला और तगड़ा होगा, सबसे बड़ा सवाल ये क्या जनता इस परिवर्तन यात्रा से जुड़ पाई?