CG KI BAAT
रायपुर: CG Election Result 2023 सत्ता जाने के बाद क्या कुछ कांग्रेसी नेता बौखला गए हैं, या फिर ये वो चंद नेता हैं जो पार्टी को सच का सामना करा रहे हैं। विधानसभा चुनावों के नतीजों आए अभी 7 दिन भी नहीं हुए कि कांग्रेसी नेता पार्टी की हार के लिए खुद अपने ही कद्दवार नेताओं को जिम्मेदार बताकर विरोध का बिगुल फूंकने लगे हैं। इस बार टिकट कट जाने के बाद, पार्टी की हार से व्यथित पूर्व कांग्रेसी विधायकों ने अब PCC प्रभारी, प्रभारी सचिव, डिप्टी सीएम जैसे सीनियर नेताओं पर गंभीर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। जिस पर भाजपा चुटकी ले रही है। कांग्रेस पार्टी उनपर लगाम कसने की तैयारी में है, पर नेताओं के तेवर बताते हैं कि आरोपों की आंच शायद इतनी जल्दी ठंडी ना पड़े। सवाल ये है कि कांग्रेसी नेताओं के मौजूदा रूख से क्या 2023 में प्रदेश हारने के बाद पार्टी 2024 में मिलकर मुकाबले में रह पाएगी?
CG Election Result 2023 तो विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद टिकट कट जाने वाले पूर्व विधायकों से लेकर हारे हुए कैंडिडेट तक हार के लिए अपने ही सीनीयर नेताओं को जिम्मेदार बता रहे हैं। नतीजे आते ही पहली ही प्रतिक्रिया में इशारे-इशारे में खुद पर छोटी और प्रदेश नेतृत्व पर हार की बड़ी जिम्मेदारी डाली। लेकिन गंभीर आरोपों का विस्फोट किया पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने, बृहस्पत सिंह ने सरगुजा समेते प्रदेश में हार के लिए सीधे-सीधे पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को हार का कारण बताया। बृहस्पत सिंह ने बड़े ही रफ शब्दों में प्रभारी को चंद प्रभावशाली नेताओं के हाथ की कठपुतली बन जाने का आरोप लगाया। सोनिया, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से कुमारी सैलजा को हटाने की मांग भी की। पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल जिनका टिकट इस बार काट दिया गया था उन्होंने PCC प्रभारी सचिव चंदन यादव पर पैसे लेने का आरोप लगाया और कांग्रेस की हार के लिए टीएस सिंहदेव के जिम्मेदार बताया। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और पूर्व विधायक प्रकाश नायक ने हार के लिए पार्टी के भीतर भितरघात और नेताओं की आपसी खीचतान को हार की वजय बताया।
बात केवल हार का ठीकरा फोड़ने तक ही सीमित नहीं है, पार्टी में इस्तीफे का दौर भी शुरू हो चुका है। कांग्रेस के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे लोकगायक दिलीप षडंगी ने भी पार्टी पर उपेक्षा और अनसुनी का आरोप लगाते हुए, इस्तीफा दे दिया है। इधर, हार के बाद सीधे-सीधे सीनियर नेताओं पर गंभीर आरोप लगाने वाले नेताओं पर, डॉ चरणदास महंत कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि भाजपा नेता इसे कांग्रेस की असलियत बताते हुए,मौजूदा स्थिति पर चुटकी ले रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी ने विरोधी तेवर दिखाने वाले नेताओ पर लगाम लगानी शुरू कर दी है। PCC प्रभारी कुमारी सैलजा पर आरोप लगाने वाले पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी हो चुका है। हालांकि,बृहस्पत सिंह कहते हैं कि ऐसी कार्रवाई 1 साल पहले होती तो बेहतर था, बृहस्पत सिंह ने कहा कि वो खुद दिल्ली जाकर आलाकमान से शिकायत करेंगे। एक तरफ कांग्रेस ने दिग्गजों की मौजूदगी में 2023 हार के कारणों की समीक्षा की है, कार्यकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली से वापस लौटकर अब प्रदेश में मजबूत विपक्ष की भूमिका और 2024 आमचुनाव की तैयारी में जुटने का दावा करते हैं। मगर मौजूदा दौर ने ये सवाल उठा दिया है कि कि क्या पार्टी नेता सत्ता जाने के बाद,
एकजुटता बना कर रख पाएंगे, एक साथ लड़ कर, जीत का लक्ष्य प्राप्त कर पाएंगे?