बांझन को पुत्र ही क्यों? गणेश जी की आरती पर बच्चियों ने उठाए सवाल, तो पंडित जी ने किया ये काम

बांझन को पुत्र ही क्यों? गणेश जी की आरती पर बच्चियों ने उठाए सवाल: Pandit ji changes in Ganesh ji aarti on the demand of girls

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  • Publish Date - September 5, 2022 / 10:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

दंतेवाड़ाः Pandit ji changes in Ganesh ji aarti छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बचेली में लड़कियों की मांग पर पंडित जी ने गणेश जी की आरती में शब्दों में परिवर्तन किया है। भगवान गणेश जी की आरती ने एक जगह ‘बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया’ का उच्चारण किया जाता है। जिसमें पंड़ित जी ने ‘बांझन को पुत्र देत’ शब्द को लड़कियों की मांग पर परिवर्तन किया है। अब इसके जगह गोद भरे शब्द का प्रयोग किया है। इसके साथ पंडित जी ने लोगों से इसी शब्द को उच्चारण करने की अपील की है।

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Pandit ji changes in Ganesh ji aarti दरअसल, बचेली के बैंक कॉलोनी के रहने वाले पंडित वेदप्रकाश पांडे गणेश पंडाल में आरती कर रहे थे। आरती के दौरान कुछ लड़कियां भी शामिल हुई। आरती के बाद पंडित जी से बच्चियों ने प्रश्न पूछा कि आरती में ‘बांझन को पुत्र देत’ शब्द का प्रयोग क्यों किया जाता है? इसके जगह दूसरे शब्द का प्रयोग किया जा सकता है। बच्चियों ने इस शब्द को बदलने की की मांग की। जिस पर पंडित वेदप्रकाश पांडे शब्दों परिवर्तन करते हुए गोद भरे शब्द के प्रयोग करने पर हामी भरी।

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पंडित वेदप्रकाश पांडे ने आम लोगों से अपील भी है कि लोगों को ‘बांझन को पुत्र देत’ शब्द के जगह बांझन के गोद भरे शब्द का प्रयोग करना चाहिए।