Jhiram Ghati Naxalite Attack: झीरम घाटी में शहीद हुए नेताओं को कांग्रेस करेगी याद.. हर जिले में मनाया जाएगा ‘शहादत दिवस’.. जायेंगे बस्तर

करीब 400 की संख्या में नक्सलियों कांग्रेस के काफिले पर हमला बोला था। एक साथ इतने नक्सलियों के एक जगह जमा होने और साजिश रचने के बावजूद पुलिस और सुरक्षाबलों को इस हमले की भनक तक नहीं लगी थी।

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  • Publish Date - May 20, 2025 / 01:22 PM IST,
    Updated On - May 20, 2025 / 01:22 PM IST

Today News Live Update 25 May 2025 || image- ibc24 news file

HIGHLIGHTS
  • झीरम घाटी हमले में कांग्रेस नेताओं समेत 33 लोग मारे गए थे, 25 मई को शहादत दिवस।
  • कांग्रेस प्रदेशभर में शहादत दिवस मनाएगी, दीपक बैज के नेतृत्व में बस्तर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम।
  • करीब 400 नक्सलियों ने रचा था हमला, मास्टरमाइंड हिड़मा अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर।

2013 Naxal attack in Darbha valley: बस्तर: 25 मई को सुकमा के झीरम में हुए देश के सबसे बड़े नक्सल हमले को 12 साल पूरे हो जायेंगे। माओवादियों के हमले में कांग्रेस नेताओ समेत 33 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल और दिग्गज नेता विद्याचरण शुक्ल ने भी जान गंवाई थी। हमला उस वक़्त हुआ था जब कांग्रेस के परिवर्तन रैली सुकमा जिले में झीरम घाटी के दरभा इलाके से गुजर रही थी।

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बहरहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस हमले के 12वीं जयंती को शाहदत दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। पीसीसी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि, झीरम कांड की बरसी पर कांग्रेस पूरे प्रदेश में शहादत दिवस मनाएगी। इस मौके पर सभी जिलों में शाहदत दिवस मनाया जायेगा। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बताया है कि, 25 मई को हम सब बस्तर जायेंगे और शहीद नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। बैज ने बताया कि अगर गृहमंत्री भी आते है तो उनका स्वागत भी किया जाएगा।

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क्या हुआ था झीरम में?

2013 Naxal attack in Darbha valley: गौरतलब है कि, नक्सलियों ने 12 साल पहले सुकमा जिले के झीरम घाटी में खूनी खेल खेलते हुए देश के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड को अंजाम दिया था। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर किए गए हमले में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व सहित 33 लोगों की नक्सलियों ने निर्ममता से हत्या कर दी थी। इस पूरे हमले के पीछे ज्यादातर लोगों को पकड़ा जा चुका है लेकिन मास्टरमाइंड अभी पकड़ से बाहर है। रिपोर्ट के मुताबिक़ खूंखार नक्सली हिड़मा उर्फ़ देवा ने इस पूरे खूनी खेल की साजिश रची और इसे अंजाम दिया। करीब 400 की संख्या में नक्सलियों कांग्रेस के काफिले पर हमला बोला था। एक साथ इतने नक्सलियों के एक जगह जमा होने और साजिश रचने के बावजूद पुलिस और सुरक्षाबलों को इस हमले की भनक तक नहीं लगी थी। देश के सबसे बड़े माओवादी हमले के बाद राज्य के पुलिस विभाग पर इंटेलिजेंस फेल्योर के आरोप भी लगे थे। आज 12 साल बाद भी इस हत्याकांड पर सियासी बयानबाजी और सियासत जारी है।

1. झीरम घाटी नक्सली हमला कब और कहाँ हुआ था?

👉 यह हमला 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की झीरम घाटी में हुआ था।

2. इस हमले में किन नेताओं की मौत हुई थी?

👉 हमले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल और विद्याचरण शुक्ल समेत 33 लोगों की हत्या हुई थी।

3. क्या हमले का मास्टरमाइंड पकड़ा गया है?

👉 नहीं, माना जाता है कि नक्सली हिड़मा उर्फ देवा हमले का मास्टरमाइंड था, जो अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।