रायपुर: Captain Anshuman’s father सियाचीन में अपने साथियों के बचाने का प्रयास करते हुए वीरगति को प्राप्त करने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी को स्मृति और मां मंजू को कीर्ति चक्र प्रदान किया गया। कीर्ति चक्र प्राप्त करने के बाद शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति ने अपनी लव स्टोरी को सुनाई थी और वह काफी भावुक भी दिखी थीं। कैप्टन अंशुमान सिंह और स्मृति की प्रेम कहानी सुनकर हर कोई भावुक हो गया था और उनके प्रति सद्भावना प्रकट कर रहे थे। लेकिन अब खबर आ रही है कि कैप्टन अंशुमान की पत्नी ने अपना ससुराल छोड़ दिया है और मायके आ गई है। इस बात की जानकारी अंशुमान सिंह की मां मंजू ने दी है।
Captain Anshuman’s father कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने अपनी बहू स्मृति पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो उनका परिवार छोड़कर जा चुकी है और सब कुछ अपने साथ ले गई है। शहीद के पिता रवि प्रताप सिंह ने बताया कि अंशुमान सिंह की पत्नी उनका परिवार छोड़कर जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, “हमें आजतक ये नहीं पता चला कि वे हमारा परिवार छोड़कर क्यों गईं। उन्होंने भारत मंडपम में हुए रक्षा अलंकरण समारोह में एक इंटरव्यू दिया। वो भी मुझे लगता है कि सत्य से परे था। क्योंकि उन्होंने कहा कि हमारी (अंशुमान से) लंबी बातचीत हुई थी। जबकि वो रात के साढ़े 9 बजे से लेकर 12 बजे तक अपने दोस्तों का ITR भरवाने के लिए हमारे साथ लगी रहीं। मेरी बेटी और वे (स्मृति) एक ही साथ थीं।”
वहीं, इन आरोपों के बाद मीडिया और सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। कुछ लोग अंशुमन की पत्नी स्मृति को तो कुछ लोग उनके माता-पिता को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस घमासान के बीच शहीद अंशुमन के पिता ने IBC24 से खास बातचीत की और पूरे मामले पर दूध का दूध और पानी का पानी किया।
कैप्टन अंशुमान के पिता ने IBC24 से बात करते हुए कहा कि सबसे पहले तो मैं ये स्पष्ट कर दूं कि लोग कह रहे हैं कि हमारी बहू स्मृति सब कुछ लेकर चली गई है तो ये पूरी तरह गलत है। मैं इस बात का खंडन करता हूं। राज्य सरकार की ओर से जो मानक है उसके अनुसार उनकी पत्नी और परिवार को एक निश्चित मापदंड के साथ राशि का भुगतान किया गया है। वहीं, AGI की राशि भी नियमों के मुताबिक 50:50 प्रतिशत दिया गया। ये पूरा मामला जो मीडिया में चल रहा है ये किसी भी तरह से पैसे के लिए नहीं है।
कैप्टन अंशुमान के पिता से जब IBC24 ने पूछा कि आपको आखिर शिकायत किससे है, बहू से या सरकार से? तो उन्होंने कहा कि मेरी शिकायत तो समाजिक तौर पर अपनी बहू से हैं और NOK को लेकर सरकार से भी है। उन्होंने कहा कि सरकार को NOK के मापदंड में बदलाव करते हुए प्रतिकूल और अनुकूल परिस्थिति में दोनों ही परिवार को सर्वग्राह्य हो और सर्वमान्य हो। मरे पहचान में कुछ ऐसे परिवार भी हैं शहीद के पिता रिक्शा चला रहे हैं और पत्नी कार में घूम रही है।
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उन्होंने आगे बताया कि मैंने अपने बेटे की शादी बड़े ही धूमधाम से की थी। मेरे बेटे ने अपने पसंद से शादी की थी। दोनों परिवार को ऐसी कोई भी शिकायत नहीं थी कि वो घर छोड़कर जाएं। तेरहवीं के अगले दिन वो घर छोड़कर गई है कि ये कहते हुए कि कुछ धार्मिक अनुष्ठान मेरे यहां है। जबकि मेरे यहां तीन अगस्त को धार्मिक अनुष्ठान था। अगले दिन 4 अगस्त को वो नोएडा पहुंची, जहां मेरी बेटी और पत्नी पहले रहती थी और तीन सूटकेश में अपना कपड़ा पैक करके ले गई। मेरे बेटे के कपड़े जैेसे टाई, शूट सभी को एक झोले में डाल दिया। वहीं, एक सिम था जिसमें मेरा, मेरी बेटी और पत्नी का सिम कनेक्टेड था। उसने सभी के रिस्टेक्टेड कर दिया।
वहीं, जब 6 महीने बाद हमने उसके पिता से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि हम पास्ट लाइफ को भूल जाना चाहते हैं और आप ये न पूछें कि स्मृति कहां हैं, क्यों है और कैसे है? वो मेच्योर है, अपना फैसला ले सकते है। वहीं, 20 तरीख को जब वो हमारे यहां आए थे जब मेरे बेटे का पार्थीव शरीर नहीं आया था, उन्होंने एक बात छेड़ी थी कि मेरी बेटी की अभी उम्र ही कितनी हुई है 26 की ही तो है। तो मैंने और मेरे साथ कुछ लोगों ने ये कहा था कि अगर वो चाहती है कि शादी करना है तो हम दोनों परिवार मिलकर उसे बेटी बनाकर विदा करेंगे और अगर वो चाहती है कि मैं अंशुमन के घर पर ही रहूं और शादी भी कर लूं तो मैं अपने छोटे बेटे से भी शादी करवाने के लिए तैयार हूं। अगर वो चाहत हैं कि शादी ही न करें और ऐसे ही रहें तो उसके लिए भी मै तैयार हूं।