Raipur Teachers Union Protest: ‘छत्तीसगढ़ में ख़त्म हो जायेंगे 45 हजार शिक्षक के पद?’.. रायपुर में शिक्षक संघ करेगा मंत्रालय का घेराव.. लगाए ये आरोप..

जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी।

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  • Publish Date - May 26, 2025 / 03:12 PM IST,
    Updated On - May 26, 2025 / 03:12 PM IST

Chhattisgarh Teacher Yuktiyuktkaran News || Images- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर और ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की।
  • बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
  • राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं।

Chhattisgarh Teacher Yuktiyuktkaran News: रायपुर: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर प्रदेश के तमाम शिक्षक संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। युक्तियुक्तकरण के नाम पर सेटअप से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश के 23 शिक्षक संघों ने मंत्रालय घेराव का ऐलान कर दिया है। आज इन तमाम संघों के पदाधिकारियों ने रायपुर में प्रेस कांफ्रेस की और कहा कि 28 मई को प्रदेशभर से हजारों शिक्षक रायपुर जुटेंगे। उन्होंने बताया कि, यहां से मंत्रालय घेराव करने निकलेंगे।

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इस पूरे मामले में शिक्षकों का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण की आड़ में 2008 के सेटअप को तोड़ा जा रहा है। करीब 45 हजार शिक्षक पद खत्म कर दिए जाएंगे, इससे प्रदेश के गरीब बच्चों का अधिकार और शिक्षा का स्तर दोनों का हनन होगा।

क्या है सरकार का पक्ष?

Chhattisgarh Teacher Yuktiyuktkaran News: गौरतलब है कि, सरकार ने कुछ दिन पहले इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा था। बताया गया था कि, छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर और ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को इस तरह से सुधारना कि, सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो और कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के न रहे।

वास्तविक स्थिति

राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं और 13,149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। हालांकि 212 प्राथमिक स्कूल अभी भी शिक्षक विहीन हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। 362 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक तो हैं, लेकिन एक भी छात्र नहीं है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 527 स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 10 या उससे कम है। 1,106 स्कूलों में यह अनुपात 11 से 20 के बीच है। 837 स्कूलों में यह अनुपात 21 से 30 के बीच है। लेकिन 245 स्कूलों में यह अनुपात 40 या उससे भी ज्यादा है, यानी छात्रों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं।

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युक्तियुक्तकरण के क्या होंगे फायदे

Chhattisgarh Teacher Yuktiyuktkaran News: जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी। स्कूल संचालन का खर्च भी कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं और सुविधाएं मिलने से बच्चों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होंगे तो प्राथमिक कक्षाएं पास करने के बाद विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन कराने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा। इससे बच्चों को पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी। बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) भी घटेगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।

1. युक्तियुक्तकरण (Rationalization) क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य स्कूली शिक्षा व्यवस्था को संतुलित और प्रभावी बनाना है। इसका मतलब यह है कि जहां छात्र अधिक हैं लेकिन शिक्षक कम हैं, वहां अतिरिक्त शिक्षकों को तैनात किया जाए और जहां शिक्षक अधिक हैं पर छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को अन्य जरूरतमंद स्कूलों में भेजा जाए।

2. शिक्षकों का विरोध क्यों हो रहा है?

शिक्षक संघों का आरोप है कि सरकार युक्तियुक्तकरण की आड़ में 2008 के सेटअप को खत्म कर रही है, जिससे 45,000 पद समाप्त हो सकते हैं। इससे न केवल शिक्षकों का हक मारा जाएगा, बल्कि गरीब बच्चों की शिक्षा पर भी असर पड़ेगा।

3. सरकार इस प्रक्रिया को लागू करने से क्या फायदे गिना रही है?

सरकार का कहना है कि इससे एकल शिक्षक या शिक्षक-विहीन स्कूलों की समस्या दूर होगी, संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, ड्रॉपआउट दर कम होगी, और बच्चों को एक ही परिसर में बेहतर सुविधाएं (लैब, लाइब्रेरी आदि) मिलेंगी।