Raipur Crime News: 6 राज्यों में फैले साइबर गैंग का भंडाफोड़.. RTO ई-चालान, PM किसान योजना के नाम पर फर्जी लिंक से किया करोड़ों का फर्जीवाड़ा, जानें क्या है पूरा मामला

रायपुर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतरराज्यीय साइबर गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग RTO ई-चालान और सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जी APK फाइल भेजकर लोगों के खातों से लाखों रुपये उड़ा रहा था।

  • Reported By: Tehseen Zaidi

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  • Publish Date - November 18, 2025 / 11:21 AM IST,
    Updated On - November 18, 2025 / 12:14 PM IST

Raipur Crime News / Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • ऑपरेशन साइबर शील्ड में 6 अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरफ्तार।
  • APK फाइल भेजकर 17 लाख से अधिक की ठगी की थी।
  • गैंग के सभी सदस्य अलग-अलग राज्यों के थे और एक-दूसरे को कभी नहीं मिले।

Raipur Crime News: रायपुर: राजधानी रायपुर में ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत बड़ी कार्यवाही करते हुए रेंज साइबर थाना पुलिस ने 6 अंतरराज्यीय साइबर ठगो को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार कर रायपुर लाई है। इन शातिर साइबर ठगो ने शहर के दो थाना इलाको में 17 लाख रूपय से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया था।

6 राज्यों से साइबर ठग गिरफ्तार

पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इन शातिर ठगो ने RTO ई चालान और PM किसान योजना समेत PMGSY के नाम पर APK फाइल भेजकर ठगी की वारदातो को अंजाम दिया था जिसके बाद टिकरापारा और राखी थाना में अज्ञात ठगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी जिसकी जांच रेंज सायबर थाना पुलिस के द्वारा की जा रही थी।

आरोपियों की पहचान

इस गैंग के 06 आरोपियों सौरव कुमार,आलोक कुमार,चांद बाबू,धर्मजीत सिंह, मो.इरफान,मारूफ सिद्दीकी को ऑपरेशन शील्ड चलाकर दिल्ली, MP, UP, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है। इस गैंग में सबसे खास बात ये है कि सभी आरोपियों के काम अलग-अलग बंटे हुए थे और ये सभी आरोपी आपस में एक दुसरे को न तो कभी मिले है और न ही एक-दुसरे को जानते है। नोएडा यूपी से गिरफ्तार सौरव कुमार ड्राइ फ्रूट दुकान में सेल्समैन का काम करता है मूलत: जिला बांका, बिहार का रहने वाला है 12 वीं तक पढ़ा लिखा है वर्तमान में नोएडा सेक्टर 102 में रहता है गैंग में इसका काम फर्जी कंपनी बनाकर बैंक खाता खुलवाना है।

आरोपियों की अलग-अलग भूमिकाएँ

नई दिल्ली से गिरफ्तार आरोपी आलोक कुमार जिला अरवल बिहार का रहने वाला है, 12वीं तक पढ़ाई की है और वर्तमान में नई दिल्ली से म्यूल बैंक खाता संकलन कर अन्य आरोपियों को म्यूल अकाउंट बिक्री करना था। तीसरा गिरफ्तार आरोपी चांद बाबू शिवपुरी मध्य प्रदेश का रहने वाला है 12वीं तक पढा-लिखा है और गैंग में ठगी से प्राप्त राशि को बैंक खाता से आहरण कर अलग-अलग भूमिकाएँ लेकिन एक-दूसरे से अनजान रकम अपने साथियों तक पहुंचाने का काम करता था।

गैंग में सबसे अहम रोल अदा करने वाला आरोपी 18 साल का धर्मजीत सिंह था, जिसको महाराष्ट्र के लोनावाला पुणे से गिरफ्तार किया है और इसके द्वारा ही APK फाइल बना कर अन्य लोगों को बिक्री करने का काम करता था। आरोपी मोहम्मद इरफान अंसारी को आसनसोल पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है इरफान 12वीं तक पढ़ा-लिखा है और किराना दुकान का संचालन करता है दुकान से ही गैंग के साथ जुड़ा था और गैंग में इसकी भूमिका APK फाइल को पीड़ितों को व्हाट्सएप में भेजने की थी।

गिरफ्तारी का पूरा विवरण

20 साल का आरोपी मारूफ सिद्दीकी अंसारी ठाणे महाराष्ट्र का रहने वाला है 12 वीं तक पढाई की है और पैकर्स एंड मूवर्स का काम करता है इसके द्वारा गैंग के लिए म्यूल बैंक खाता संकलन कर अन्य आरोपियों को म्यूल अकाउंट बिक्री करना था। इन शातिर गैंग के द्वारा सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के कई राज्यों के शहरो में 100 से ज्यादा लोगो को APK फाइल भेजकर करोड़ों रूपयों की ठगी की वारदात को अंजाम देने की बात सामने आई है। इस गैंग की गिरफ्तारी की खबर संबंधित राज्यों की पुलिस से भी छत्तीसगढ़ पुलिस ने साझा की है और आने वाले दिनो में अन्य राज्यों की पुलिस छग आकर इन शातिर ठगों से पूछताछ कर सकती है या इनको अपने साथ ले जा सकती है।

रेंज साइबर थाना पुलिस ने इन सब ठगी से बचने के लिए बचाव के लिए अपील करते हुए बताया कि मोबाइल पर आये किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें न ही उसको डाउनलोड और इनस्टॉल करें। मोबाइल पर एंटीवायरस का इस्तेमाल करें, एप्लीकेशन को केवल गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें, ऐप अनुमतियों की जाँच करें, किसी भी ऐप को इंस्टॉल करते समय, ध्यान दें कि वो कौन सी अनुमतियाँ मांग रहा है अगर कोई ऐप अनावश्यक अनुमतियाँ मांगता है, तो उसे इंस्टॉल न करें।

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इन साइबर ठगों को कैसे पकड़ा गया?

रेंज साइबर थाना पुलिस ने विभिन्न राज्यों में ऑपरेशन चलाकर तकनीकी जांच और बैंक खातों की ट्रैकिंग के आधार पर सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

ठगी का तरीका क्या था?

गैंग फर्जी APK फाइल भेजकर लोगों के मोबाइल में मालवेयर इंस्टॉल कराती थी और फिर बैंक खातों से पैसे निकाल लेती थी।

ऐसी ठगी से बचने के लिए क्या करें?

अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, केवल प्ले स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें, और मोबाइल में एंटीवायरस का उपयोग करें। ठगी होने पर तुरंत 1930 पर शिकायत करें।