रायपुर: Kaushalya Mahotsav 2023 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 22 अप्रैल को चंदखुरी में तीन दिवसीय माता कौशल्या महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। कौशल्या माता महोत्सव 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक आरंग विधानसभा क्षेत्र के चंदखुरी में आयोजित होगा। महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत करेंगे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री एवं रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया एवं समस्त मंत्रीगण, सांसदगण, संसदीय सचिव, विधायकगण, निगम मंडल, आयोग, जिला पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा नगर पंचायत के अध्यक्ष शामिल होंगे।
Kaushalya Mahotsav 2023 उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी के वैभव को विश्व पटल पर स्थापित करने प्रदेश की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने एवं महिला सशक्तिकरण, कार्यशील कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास हेतु माता कौशल्या महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में स्थित यह कौशल्या माता का एक मात्र मंदिर है।
महोत्सव के पहले दिन 22 अप्रैल से सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में माधुरी महिला मानस मंडली, गरियाबंद की पुष्पांजलि सिन्हा, राम की शक्ति पूजा वाराणसी के व्योमेश शुक्ला और मुम्बई की सुप्रसिद्ध भजन गायिका कविता पौडवाल द्वारा भक्तिमय गीत-संगीत भजन प्रस्तुति दी जाएगी।
महोत्सव के दूसरे दिन 23 अप्रैल को वीणा वादिनी मानस परिवार, भाटापारा से वीणा साहू ,हरि दर्शन मानस मंडली जांजगीर-चांपा से देवेंद्र कुमार श्रीवास ,दंतेवाड़ा से ज्ञान गंगा मानस परिवार के कुशल सिंह साहू , मुंबई की रविंदर खुराना भक्तिमय शास्त्रीय नृत्य नाटिका और प्रभंजन चतुर्वेदी भिलाई भक्तिमय गीत संगीत भजन कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे।
महोत्सव के तीसरे दिन 24 अप्रैल को प्रज्ञा महिला मानस परिवार, कुरूद सिलयारी की कुमुदिनी चंद्रवंशी ,देवेश शर्मा रायगढ़ भक्तिमय गीत संगीत भजन और मुंबई की तृप्ति शाक्य भक्तिमय गीत संगीत भजन की प्रस्तुति देंगे।
माता कौशल्या धाम में शुरू हो रहे वाटर, लाईट एवं लेजर शो के माध्यम से श्रद्धालु भगवान राम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे। इस शो में माता कौशल्या के जीवन चरित्र का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की शस्य श्यामला भूमि में रामायण काल की अनेक घटनाएँ घटित हुई हैं जिसका प्रमाण यहां की लोक संस्कृति, लोक कला, दंत कथा और लोकोक्तियाँ हैं। विभिन्न शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान राम ने अपना वनवास काल छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों पर व्यतीत किया । चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है, जो दक्षिण कोसल के नाम से पूरे देश में प्रसिद्ध है।
चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम, राम वनगमन पर्यटन परिपथ का अति महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थल राजधानी रायपुर से मात्र 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का एतिहासिक मंदिर स्थित है जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है । प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती है ।