Chhattisgarh gramin awas nyay yojana: सीएम बघेल ने लाखों परिवारों को किया लाभान्वित, शुरू किया छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना

Chhattisgarh gramin awas nyay yojana भारत सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 12 वर्ष पूर्व संपादित की गई..

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  • Publish Date - September 25, 2023 / 01:13 PM IST,
    Updated On - September 25, 2023 / 01:13 PM IST

CM Baghel tweet on declaration of election date in Chhattisgarh

Chhattisgarh gramin awas nyay yojana: रायपुर। सीएम भूपेश बघेल की विशेष पहल पर आवास योजना के प्रदेश के पात्र हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास न्याय योजना’ प्रारंभ की जा रही है। इस योजना में ऐसे हितग्राही शामिल हैं, जिन्हें आवास की आवश्यकता तो है, लेकिन वर्ष 2011 की सर्वे सूची के अनुसार योजना के लिए पात्रता नहीं रखते हैं। हालांकि भारत सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 12 वर्ष पूर्व संपादित की गई थी। वर्तमान में कई परिवार ऐसे हैं, जिनके जीवन स्तर में सुधार होने के कारण आवास की पात्रता नहीं रखते तथा कुछ ऐसे भी परिवार हैं, जिन्हें आवास की आवश्यकता तो है, लेकिन वर्ष 2011 के उक्त सर्वे सूची अनुसार पात्रता नहीं रखते हैं।

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सीएम बघेल ने की ग्रामीण आवास न्याय योजना की घोषणा

भूपेश कका की विशेष पहल से छत्तीसगढ़ के ऐसे जरूरतमंद परिवारों की आवश्यकता और उनकी समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए ‘छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023’ कराने का निर्णय लिया गया है। सर्वेक्षण कार्य 1 अप्रैल 2023 से शुरू हुआ और 30 अप्रैल 2023 तक कुल 59.79 लाख परिवारों का सर्वेक्षण पूर्ण किया गया, जिसमें 10,76,545 परिवार आवासहीन एवं कच्चे मकान वाले पाये गये हैं। ऐसे सभी आवासहीन एवं कच्चे कमरे वाले परिवारों को चरणबद्ध रूप से उन्हें स्वयं का आवास दिलाने हेतु जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण आवास न्याय योजना की घोषणा की गई, जिसके क्रियान्वयन के लिए शत्-प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी।

आवास के लिए दुर्गम क्षेत्रों के परिवारों को मिली सहायता राशि

Chhattisgarh gramin awas nyay yojana: योजना अंतर्गत प्रथम चरण में वित्तीय वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक जनगणना 2023 के सर्वेक्षण में पाये गये 47 हजार 090 आवासहीन परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा। योजनांतर्गत प्रति हितग्राही पात्र परिवारों को आईएपी (पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में) एवं नॉन आईएपी (मैदानी क्षेत्र) जिलों में विभाजित करते हुये क्रमशः कुल 1.30 लाख रुपए एवं कुल 1.20 लाख रुपए की राशि प्रति पात्र परिवार प्रदान की जाएगी।

ग्रामीण आवास न्याय योजनांतर्गत अभिसरण के माध्यम से मनरेगा योजना के वार्षिक प्रधान परिपत्र वर्ष 2022-23 की कंडिका 7.5.5 अनुसार न्यूनतम 25 वर्ग मीटर प्लिंथ एरिया के मकान निर्माण हेतु आई.ए.पी. जिलों में 95 तथा नॉन आई.ए.पी. जिलों में 90 मानव दिवस का लाभ दिया जाएगा। ग्रामीण आवास न्याय योजनांतर्गत चिन्हांकित पात्र परिवारों को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण एवं मनरेगा के अभिसरण से पात्रतानुसार 12 हजार रुपए की राशि की स्वीकृति दी जायेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से शत-प्रतिशत परिवारों को हुआ लाभ

भारत सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर वर्ष 2016 से ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ लागू की गई। योजनान्तर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची में कुल 18,75,580 लाख परिवार शामिल हैं, जिनमें से 11,76,146 परिवारों को आवास की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। किन्तु 6,99,439 परिवारों को भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्त नहीं होने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत आवास स्वीकृति नहीं की जा सकी है। मंत्रिपरिषद की 02 सितम्बर 2023 की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची में शेष बचे शत-प्रतिशत परिवारों को लाभान्वित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

प्रतीक्षा सूची के इतने परिवार होंगे लाभान्वित

प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची में 6,99,439 परिवार वर्तमान लाभान्वित किया जाना शेष है। योजनान्तर्गत प्रति हितग्राही पात्र परिवारों को आई.ए.पी. (पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में) एवं नॉन आई.ए.पी. (मैदानी क्षेत्र) जिलों में विभाजित करते हुये क्रमशः कुल 1.30 लाख रुपए एवं कुल 1.20 लाख रुपए की राशि प्रति पात्र परिवार प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंर्तगत अभिसरण के माध्यम से मनरेगा योजना के वार्षिक प्रधान परिपत्र वर्ष 2022-23 की कंडिका 7.5.5 अनुसार न्यूनतम 25 वर्ग मीटर प्लिंथ एरिया के मकान निर्माण हेतु आई.ए.पी. जिलों में 95 तथा नॉन आई.ए.पी. जिलों में 90 मानव दिवस का लाभ दिया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत चिन्हांकित पात्र परिवारों को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण एवं मनरेगा के अभिसरण से पात्रतानुसार 12 हजार रुपए की राशि की स्वीकृति दी जायेगी।

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मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना

Chhattisgarh gramin awas nyay yojana: छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में 60 प्रकार के निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है वर्तमान में प्रदेश में कुल 23,19,681 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए ‘मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना’ 01 मार्च 2023 से प्रारंभ की गई है। पंजीकृत श्रमिकों को योजनांतर्गत आवास के लिए 01 लाख रुपए अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के लिए 03 वर्ष निरंतर पंजीकृत श्रमिक पात्र होंगे। कोई भी निर्माण श्रमिक शहरी क्षेत्रों में 500 वर्गफीट एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1,000 वर्गफीट क्षेत्र में स्वंय की भूमि/पट्टा अथवा निर्मित आवास क्रय करने पर योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। 25 सितम्बर को आयोजित कार्यक्रम में 500 निर्माण श्रमिकों को आवास योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है जिसके तहत कुल 5 करोड़ रुपए की राशि हितग्राहियों के खाते में सीधे हस्तांतरित की जा रही है।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)

छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची के शेष बचे परिवारों को पारिवारिक शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। 01 अप्रैल 2020 से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 की शुरूआत की गई है, जो मार्च 2025 तक संचालित किया जायेगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 के अंतर्गत नवीन परिवारों के घरों में शौचालय की उपलब्धता, सार्वजनिक स्थलों पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, फिकल स्लज मैनेजमेंट आदि का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 10125 ग्रामों को ओ.डी.एफ. प्लस घोषित किया जा चुका है।

Chhattisgarh gramin awas nyay yojana: नवीन परिवारों के घरों में 12 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि से कुल 3,20,291 व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण किया गया है जो निरंतर मांग के आधार पर जारी है। सार्वजनिक स्थल जैसे हाट-बाजार, मेला स्थल, धार्मिक स्थल, बस स्टेण्ड, सामुदायिक भवन, आदि में कुल 11756 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 9494 ग्रामों में ठोस अपशिष्ट एवं 13236 ग्रामों में तरल अपशिष्ट के प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। इसके लिए 9309 ग्रामों में सेग्रिगेशन शेड का निर्माण किया गया है। गोबरधन योजना अंतर्गत अद्यतन 335 बायोगैस संयंत्र की स्थापना किया गया है।

 

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