hostel superintendent suspend: सूरजपुर। बच्चों के भविष्य को गढ़ने की जिम्मेदारी निभाने वाले शिक्षक ही जब अमानवीय हरकत करें तो बच्चों की अच्छे भविष्य की कल्पना कैसे की जा सकती है ? सूरजपुर में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक मामूली सी बात पर एक छात्रावास के अधीक्षक ने बच्चों को 2 दिन तक खाने को नहीं दिया, स्थानीय लोगों और परिजनों के शिकायत के बाद आखिरकार आरोपी छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ पुलिस और शिक्षा विभाग के द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
सूरजपुर के कल्याणपुर गांव में स्थित एक छात्रावास में बच्चों के द्वारा फुटबॉल खेलने के दौरान फुटबॉल खराब होने से नाराज हॉस्टल अधीक्षक ने बच्चों को दो दिनों तक खाना नहीं दिया। बच्चे दो दिनों तक भूख से तड़पते रहे, लेकिन हॉस्टल अधीक्षक का मन नहीं पसीजा, आखिरकार स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी हुई जिसके बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों को बिस्किट वितरित किया और पूरे मामले की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई।
जिला शिक्षा अधिकारी को जानकारी मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं रात में ही छात्रावास पहुंचे, लेकिन छात्रावास का दरवाजा नहीं खुले जाने की वजह से जिला शिक्षा अधिकारी रात में वापस आ गए और उसके दूसरे दिन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की टीम बनाकर मौके पर भेजा और खुद भी जांच में शामिल हुए, जांच के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी और उनकी टीम को जानकारी मिली कि छात्रावास अधीक्षक के द्वारा बच्चों को फुटबॉल खराब होने की वजह से भोजन नहीं दिया गया।
साथ ही उन्हें छात्रावास में कई और घोर लापरवाही देखने को मिली। 25 बच्चों के हॉस्टल की परमिशन वाले इस छात्रावास में लगभग 65 बच्चे रहते हैं जिनके खाने और रहने की व्यवस्था बहुत ही खराब है। साथ ही हॉस्टल में बच्चों के कमरे के पास में ही जहरीली कीटनाशक मिली, जो घोर लापरवाही के दायरे में आता है। शिक्षा विभाग की जांच में पूरी तरह से छात्रावास प्रबंधन दोषी पाया गया और शिक्षा विभाग के द्वारा छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत भी कराई गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है और हॉस्टल को बंद करने के लिए कार्रवाई की जाने की बात कही जा रही है।
परिजन मोटी रकम खर्च कर अपने बच्चों को हॉस्टल अधीक्षक के भरोसे पढ़ने के लिए भेजते हैं, खेलने में हुई छोटी सी चूक की वजह से अगर शिक्षक बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव करें तो आखिर परिजन ऐसे लोगों पर कैसे भरोसा कर सकेंगे ?? निश्चित ही ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि आगे कोई मासूम बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ ना कर सकें।