Surajpur News: टपकती छत, बिजली ठप.. 150 बच्चों की जिंदगी खतरे में डालकर चलाया जा रहा आश्रम, बदहाल स्थिति देख आप भी रह जाएंगे दंग

Surajpur News: टपकती छत, बिजली ठप.. 150 बच्चों की जिंदगी खतरे में डालकर चलाया जा रहा आश्रम, बदहाल स्थिति देख आप भी रह जाएंगे दंग

  • Reported By: Nitesh Gupta

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  • Publish Date - July 6, 2025 / 10:51 AM IST,
    Updated On - July 6, 2025 / 10:51 AM IST

Surajpur News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • सूरजपुर के खोंड़ गांव में जर्जर भवन,
  • जर्जर भवन में चल रहा छात्रावास और आश्रम,
  • बच्चों की ज़िंदगी खतरे में,

सूरजपुर: Surajpur News: ज़िले के खोंड़ गांव में संचालित प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास और बालक आश्रम की जर्जर हालत बच्चों की ज़िंदगी को खतरे में डाल रही है। करीब 10 साल पहले बनी यह इमारत अब बारिश के मौसम में टपकती छतों, फटी दीवारों और बिजली संकट के कारण बच्चों के लिए एक संकट बन चुकी है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने भी ट्राइबल विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं संबंधित अधिकारी जल्द हालात सुधारने का दावा कर रहे हैं।

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Surajpur News: सूरजपुर जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर खोंड़ पंचायत में स्थित इस इमारत में 50 सीटर प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास और 100 सीटर बालक आश्रम एक साथ संचालित हो रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई तक इमारत के बरामदे में करवाई जा रही है। छात्रावास की बिल्डिंग महज 10 वर्षों में ही जर्जर हो चुकी है। आठ कमरों वाली इस इमारत में दीवारों में दरारें हैं छतों से सरिए बाहर निकल आए हैं और बारिश में छत से सीपेज के कारण पानी भर जाता है। बच्चे भय के माहौल में रहने को मजबूर हैं। बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण क्रेडा विभाग के माध्यम से सोलर लाइट की व्यवस्था की गई थी लेकिन पिछले दो वर्षों से बैटरियाँ खराब पड़ी हैं जिससे पानी का मोटर तक नहीं चल पा रहा। बच्चे हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर हैं।

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Surajpur News: 150 बच्चों के लिए मात्र आठ कमरों में 75 बेड की व्यवस्था है और एक बेड में दो-दो बच्चों को सोना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है। हाल ही में निरीक्षण पर पहुंचे सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने भी छात्रावास की हालत को बेहद दयनीय बताया और ट्राइबल विभाग के अधिकारियों को फोन पर फटकार भी लगाई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाया जाए।

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Surajpur News: इस पर ट्राइबल विभाग के सहायक आयुक्त घनश्याम सिंह ने माना कि खोंड़ एक दूरस्थ क्षेत्र है, जिससे बच्चों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है ताकि जल्द ही सुविधाओं में सुधार किया जा सके। सरकार की मंशा थी कि दूर-दराज के इलाकों में भी आदिवासी बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा मिले, लेकिन विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण आज भी इन इलाकों में बच्चे न केवल शिक्षा बल्कि मूलभूत सुविधाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।

"सूरजपुर प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास की हालत" इतनी खराब क्यों है?

छात्रावास की इमारत लगभग 10 साल पुरानी है, लेकिन समय पर मरम्मत और देखरेख न होने के कारण अब यह जर्जर हो चुकी है। दीवारों में दरारें हैं, छत टपकती है और बिजली व पानी की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

"खोंड़ छात्रावास की समस्या" के लिए जिम्मेदार कौन है?

स्थानीय लोग और सांसद चिंतामणि महाराज ट्राइबल विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। विभागीय सहायक आयुक्त ने भी माना है कि खोंड़ दूरस्थ क्षेत्र है और सुविधाओं की कमी है।

"सूरजपुर बालक आश्रम" की हालत सुधारने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

ट्राइबल विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है ताकि जल्द ही छात्रावास और आश्रम की हालत सुधारी जा सके। फिलहाल, संसाधनों की कमी और विभागीय उदासीनता के चलते कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है।

क्या "सूरजपुर छात्रावास" में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है?

हाँ, बच्चे बरामदे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं और बिजली न होने के कारण रात में पढ़ाई नहीं हो पा रही। इन हालात में बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है।

"सूरजपुर ट्राइबल छात्रावास" के लिए सांसद ने क्या प्रतिक्रिया दी है?

सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने निरीक्षण के दौरान छात्रावास की हालत को बेहद खराब बताया और ट्राइबल विभाग के अधिकारियों को जल्द सुधार के निर्देश दिए।