Publish Date - April 28, 2025 / 10:16 PM IST,
Updated On - April 28, 2025 / 10:16 PM IST
Protest Against Love Jihad/ Image Credit: IBC24 File
HIGHLIGHTS
फर्जी पत्र जारी करने के लिए आरोपी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके के लेटर पेड का इस्तेमाल किया था
5 साल बाद आरोपी अजय रामदास को छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया गया।
रायपुर में सिविल लाइन थाना में धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
रायपुर: CG Crime News छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुईया उइके के कार्यकाल के दौरान राजभवन में हुई एक जालसाजी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। करीब 5 साल बाद मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा पुलिस ने आरोपी महामंडलेश्वर अजय रामदास को गिरफ्तार कर ली है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने छत्तीसगढ़ की तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उईके के लेटर पेड का इस्तेमाल करके कई फर्जी पत्र जारी किए थे, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया था।
CG Crime News बता दें कि सितंबर 2019 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उइके के दस्तखत के साथ एक फर्जी पत्र वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त की बातें लिखी गई थीं। इस पत्र के वायरल होने के बाद अनुसुईया उइके के निर्देश पर विशेष सचिव ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की थी।
आपको बता दें कि आरोपी छिंदवाड़ा में भेष बदलकर छिपा हुआ था, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया। अब पुलिस की टीम उसे रायपुर लेकर आई है, और सिविल लाइन थाना रायपुर में धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
आरोपी का नाम महामंडलेश्वर अजय रामदास है, जो मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से है। उसने छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके के लेटर पेड का इस्तेमाल किया था।
आरोपी ने क्या फर्जी पत्र जारी किया था?
आरोपी ने छत्तीसगढ़ के बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त से संबंधित एक फर्जी पत्र जारी किया था, जिसमें राज्यपाल अनुसुइया उइके के दस्तखत थे।
जालसाजी मामले में कब कार्रवाई की गई?
यह मामला सितंबर 2019 में सामने आया था, और पुलिस ने आरोपी को 5 साल बाद मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया।