Rajya Sabha
रायपुर: संसद में बुधवार को हुए हंगामे का सीसीटीवी फुटेज आज बाहर आया, जिसमें सांसद हल्ला हंगामा के साथ ही मार्शल के साथ उलझते भी नजर आ रहे हैं। सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। वीडियो बाहर आने के बाद अब पक्ष और विपक्ष संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाने के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
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ये घटना कोई गली-मोहल्ला की नहीं है, हाट बाजार की भी नहीं है, बल्कि ये देश का संसद का है, जहां बुधवार नेताओं के बीच धक्का मुक्की और खींचतान की घटना देखने को मिली। ये लोग हमारे देश को चलाने वाले माननीय सांसद जी, जिन्हें हम चुनकर भेजते हैं। लेकिन बुधवार को कोई कुर्सी पर चढ़ा दिखा, तो कोई टेबल पर। संसद में हुई इस शर्मनाक घटना के बाद केंद्र सरकार के 8 मंत्रियों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी कड़ी निंदा की। साथ ही सरकार ने इसकी जांच के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है।
उधर विपक्षी नेताओं का कहना है कि सदन में उनकी बात नहीं सुनी गई। बिना चर्चा के बिलों को पास कराया गया। इसके विरोध में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़के के नेतृत्व में विपक्षी नेता उपराष्ट्रपति से मिले। छत्तीसगढ़ से सांसद छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम पर मार्शल से धक्का मुक्की करने के आरोप लगे। इनपर कार्रवाई की भी मांग उठी। हालांकि इन सांसदों का कहना है कि वो आरोपी नहीं बल्कि वो तो खुद पीड़ित हैं।
आरोप प्रत्यारोप तो आगे भी चलते रहेंगे। लेकिन लोकतंत्र के मंदिर से जो तस्वीरें लगातार आ रही हैं वो देश को शर्मसार करने वाली हैं। गंभीर विषयों पर चर्चा की जगह खींचतान और नारेबाजी ने ले ली है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने पर गर्व करने वाले भारतवासियों के लिए ये संसदीय लोकतंत्र का शर्मनाक चेहरा है।