Conversion Law | Photo Credit: IBC24
रायपुर: Conversion Law छत्तीसगढ़ से जहां दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तारी का मामला बड़े सियासी बखेड़े में तब्दील होता जा रहा है। कम से कम कोशिश तो यही की जा रही है। पर सवाल ये है कि मानव तस्करी और धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार दो कैथोलिक नन्स को लेकर केरल के नेता, इतनी दखलअंदाजी क्यों कर रहे हैं। क्या है इस गिरफ्तार का केरल से सियासी कनेक्शन?
Conversion Law दुर्ग में 2 नन्स की गिरफ्तारी मामले में मंगलवार को सियासी हलचल काफी तेज है। इंडिया गठबंधन के 4 सांसद कांग्रेस से सप्तगिरि उल्का और बेनी बेहनन, लेफ्ट सांसद फ्रांसिस जॉर्ज और RSP सांसद प्रेमचंदन दिल्ली से रायपुर पहुंचे। इंडिया गठबंधन डेलिगेशन ने दुर्ग जाकर जेल में गिरफ्तार नन्स से मुलाकात की। फिर नवा रायपुर में CM से मिले। दूसरी ओर केरल भाजपा महासचिव अनूप एंटनी ने CM साय और गृह-मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद सासंदों ने जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जताई।
मुद्दे पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पूरी कार्रवाई के फैक्ट्स को सार्वजनिक करने की मांग की, तो जवाब में बीजेपी सरकार ने भी मोर्चा खोला। साफ कहा कि मामला संवेदनशील है, जांच जारी है, छग में डेमोग्राफी बदलने के षड्यंत्र को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घटना के दिन से ही केरल से लेकर दिल्ली तक सियासत हावी है। केरल के मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर न्याय मांगा। केरल के सांसदों ने लोकसभा में मुद्दे को उठाया। कांग्रेस और UDF सांसदों ने प्रदर्शन किया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर केसी वेणुगोपाल तक दिग्गज नेताओं ने X-पोस्ट किया। जानकार मानते हैं कि ये पूरा सियासी प्रोपेगेंडा आगामी केरल में होने वाले चुनावों से जुड़ा है। 2024 के देश के चुनाव में केरल में बीजेपी के बढ़ते वोट प्रतिशत को लेकर एंटी बीजेपी सारे दल एकजुट होकर, किश्चियन कम्यूनिटी को मैसेज देना चाहते हैं कि बीजेपी शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत वाला दृष्टिकोण है, लेकिन क्या इस सियासी मंशा के लिए छत्तीसगढ़ में कानूनी प्रक्रिया को बाधित करना, जांच और न्यायालयीन प्रक्रिया के बीच में सियासी रंग देना उचित है?