Nag Panchami 2025: न वकील, न गवाह… फिर भी मिलता है न्याय! नागपंचमी पर लगी नागों की अदालत, हजारों ने देखा अद्भुत नज़ारा, जानें क्या है मान्यता

Nag Panchami 2025: न वकील, न गवाह... फिर भी मिलता है न्याय! नागपंचमी पर लगी नागों की अदालत, हजारों ने देखा अद्भुत नज़ारा, जानें क्या है मान्यता Raisen News

Nag Panchami 2025/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • रायसेन में लगी 'नागों की अदालत',
  • सर्पदंश पीड़ितों को मिला चमत्कारी न्याय,
  • हजारों श्रद्धालु बने साक्षी

रायसेन: Raisen News: इंसान जब अपराध करता हैं या उसके जुल्म होता हैं अदालत में उसे दंड और न्याय मिलता हैं।जब कोई जीव इंसान पर जुल्म करे या इंसान जीव पर जुल्म करे उसे न्याय किस अदालत में मिलेगा। एक ऐसी अदालत जहाँ कोई बकील नही होता और न ही कोई गबाह, लेकिन न्याय एक दम सत्य मिलता हैं। बह अदालत हैं नागों की अदालत और शेष नाग के सामने होता हैं सत्य असत्य का न्याय। न वकील, न दलील, न गवाह, फिर भी नागों की अदालत में मिलता है मुकम्मल न्याय। Nag Panchami 2025

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Nag Panchami 2025:  रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील के सिद्घ क्षेत्र श्रीराम रसियाधाम सीहोरा खुर्द में आज नागपंचमी के अवसर पर नागों की अदालत लगी। यह आयोजन हर साल सीहोरा खुर्द में होता है। आयोजन के दौरान सर्पदंश से पीड़ित रहे लोगों के शरीर में नागों की आत्मा ने प्रवेश कर काटने का कारण बताया। यह लोग नागों द्वारा सताने के बाद सीहोरा दरबार में पहुंचे थे। अपने तरह के अनोखे एवं चमत्कारिक इस आयोजन को देखने के लिए दूर दराज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।ग्राम सीहोरा खुर्द श्री हनुमानजी एवं श्री शिवजी के सिद्घ स्थान के लिए ख्यातिलब्ध है।

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Nag Panchami 2025:  सीहोरा में नागदेव का चबूतरा है। जहां प्रतिवर्ष नागपंचमी के मौके पर नागों की अदालत लगती है। दोपहर 12 बजे से ही इस आयोजन की तैयारियां होने लगी थी। क्षेत्रभर में हो रही तेज वर्षा के बावजूद इस आयोजन के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटे। इस आयोजन में रायसेन जिले के सिलवानी, बरेली, उदयपुरा, सुल्तानपुर, औबेदुल्लागंज, बेगमगंज सहित अन्य स्थानों में सीहोरा, भोपाल एवं सागर के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। आप भी देख सकते हैं कि नाग पीड़ित व्यक्ति खुद बोलता हैं कि उसके साथ ऐसा क्या हुआ कि सर्प ने काटा, एक महिला ने सर्प के ऊपर पैर रखा तो सर्प ने काटा ।

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Nag Panchami 2025:  सीहोरा स्थित नागदेव के चबूतरे पर नागों की अदालत लगी। दूर-दराज के दर्जनों लोग जो बीते वर्ष में सर्पदंश से पीड़ित थे। यही नहीं प्रविष्ट नाग की आत्मा ने भविष्य में किसी व्यक्ति को पीड़ा न पहुंचाने की वचनबद्घता भी जताई , नागपंचमी पर इस आयोजन में आए हैं। इस आयोजन को देखने के लिए क्षेत्र सहित दूर दराज के श्रद्घालु बड़ी संख्या में सीहोरा खुर्द पहुंचे। आधुनिक युग में जहां अंधविश्वासों को तोडकर विज्ञान ने काफी प्रगति की है।

"नागों की अदालत क्या है" और इसका आयोजन कहाँ होता है?

नागों की अदालत एक पारंपरिक धार्मिक आयोजन है, जो रायसेन जिले के सीहोरा खुर्द गाँव में नागपंचमी के अवसर पर होता है। इसमें सर्पदंश से पीड़ित लोग नागदेवता के चबूतरे पर पहुँचकर अपनी बातें साझा करते हैं, और मान्यता है कि नाग की आत्मा उन पर प्रवेश कर घटना का कारण बताती है।

"सीहोरा खुर्द नागों की अदालत" में कौन-कौन लोग शामिल होते हैं?

इस आयोजन में सर्पदंश पीड़ित, उनके परिजन, श्रद्धालु और आसपास के जिलों से हजारों लोग शामिल होते हैं, जिनमें रायसेन, भोपाल, सागर, सिलवानी, सुल्तानपुर, औबेदुल्लागंज जैसे क्षेत्रों के लोग विशेष रूप से शामिल होते हैं।

क्या "नागों की अदालत" अंधविश्वास है या धार्मिक मान्यता?

यह आयोजन पूरी तरह से धार्मिक और पारंपरिक मान्यता पर आधारित है। आधुनिक विज्ञान इसे अंधविश्वास मान सकता है, लेकिन स्थानीय लोग इसे आस्था और आत्मिक न्याय का माध्यम मानते हैं।

"नागपंचमी के दिन सीहोरा में क्या होता है"?

नागपंचमी पर सीहोरा खुर्द में विशेष पूजा-अर्चना होती है, नागदेवता के चबूतरे पर नागों की अदालत लगती है, जिसमें नाग पीड़ित व्यक्ति आत्मा की प्रेरणा से घटनाओं का खुलासा करते हैं और समाधान की मांग करते हैं।

क्या "नागों की आत्मा प्रवेश" वास्तविक होता है?

यह विषय आस्था और आध्यात्मिक विश्वास से जुड़ा है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यह नागदेवता का चमत्कार है, जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह मनोवैज्ञानिक प्रभाव या आस्था का परिणाम हो सकता है।