#SarkarOnIBC24 | Photo Credit: IBC24
रायपुर: #SarkarOnIBC24 छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट में हुए जमीन मुआवजा घोटाले की जांच तेज हो गई है। अरबों रुपये के घोटाले में ACB और EOW की टीम ने दर्जनभर ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की। घोटाले में शामिल रहे पटवारी से लेकर SDM और जमीन दलालों के ठिकानों पर छापा मारा। वहीं कई आरोपियों को हिरासत में लिया है। वहीं इस कार्रवाई से इतर इस पर सियासत भी जारी है।
#SarkarOnIBC24 भारतमाला प्रोजेक्ट में करोंड़ों रुपए के वारे-न्यारे करने वाले अफसरों पर ACB और EOW का शिकंजा कसता जा रहा है। दोनों जांच एजेंसियों ने तत्कालीन SDM, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक समेत राजस्व अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे। 17 से 20 अफसर छापे की जद मे आए। रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर में ACB और EOW की टीमों ने दबिश दी।
दरअसल भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया। अफसरों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए की रकम की गड़बड़ी का आरोप है।
ACB और EOW के एक्शन में आते ही इस पर सियासत भी शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने घोटाले को लेकर पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था। महंत ने दावा किया कि उनकी चिट्ठी पर सरकार ने संज्ञान लिया है, तों बीजेपी ने पलटवार किया की भारतमाला घोटाला कांग्रेस सरकार में हुआ है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में भारतमाला प्रोजेक्ट का मामला खूब गरमाया था। जिसके चलते सरकार ने इसकी जांच EOW को सौपी थी। इसके करीब महीने भर बाद अब एक्शन शुरू हुआ है। लेकिन बड़ा सवाल ये कि क्या करोडों रुपए के इस खेल में बड़ी मछलियां भी कार्रवाई की जद में आएंगी या सिर्फ पटवारी, तहसीलदार या कुछ जमीन के दलाल को निपटाकर मामला ठंडा पड़ जाएगा।